गेंदे की खेती नेे बढ़ाया आत्मविश्वास…
सामुदायिक बाड़ी ग्राम नूनदरहा तमनार में साग सब्जी की खेती के साथ फूलों की खेती महिला स्व-सहायता समूह द्वारा की जा रही है। जिसमें राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना अंतर्गत पुष्प क्षेत्र विस्तार हेतु उद्यान विभाग के सहयोग से ढ़ाई एकड़ रकबे में गेंदा के पौधे रोपण कराए गए हैं। इन पौधों का रोपण माह सितंबर में महिला स्व-सहायता समूह ग्राम नूनदरहा तमनार द्वारा किया गया था। जिनमें फूल का उत्पादन चालू हो गया हैं तथा एकादशी के अवसर पर लगभग 25 किलोग्राम गेंदा के फूलों की पहली तोड़ाई की गई, जिसे स्थानीय बाजार में विक्रय कर 2500 रुपए की आमदनी समूह को प्राप्त हुई। बाड़ी में सब्जियों के उत्पादन होने से हरी सब्जियों की तोड़ाई होने लगी है वह भी स्थानीय स्तर पर आसानी से बिक जाते हैं। सब्जियों से भी अब तक 9 हजार रुपए की आमदनी स्व-सहायता समूह को प्राप्त हो गई है। सामुदायिक बाडिय़ों में फेंसिंग सिंचाई की सुविधा होने के साथ-साथ सब्जी एवं फूलों की अच्छे दाम मिलने से स्व-सहायता समूह के महिलाओं में खेती के प्रति उत्साह व आत्मविश्वास बढ़ा है।
उल्लेखनीय है की मुख्यमंत्री के महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी अंतर्गत रायगढ़ जिले के तमनार विकासखंड में ग्राम-नूनदरहा में शासकीय भूमि का चिन्हांकन कर जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में उद्यान विभाग द्वारा मनरेगा एवं सीएसआर मद से अभिसरण करते हुए सामुदायिक बाड़ी का निर्माण किया गया है। जिसका मुख्य उद्देश्य स्थानीय स्तर पर महिला स्व-सहायता समूह को रोजगार एवं आजीविका के अवसर प्रदान करते हुए उनके आय में वृद्धि करना है ।
सहायक संचालक उद्यान डॉ.कमलेश दीवान ने बताया कि रायगढ़ जिले में फूलों की खेती में बहुत संभावनाएं हैं तथा जिले की जलवायु गेंदे की खेती हेतु उपयुक्त है। अभी भी अन्य राज्यों जैसे कोलकाता से फूलों की सप्लाई रायगढ़ में होती है। विभिन्न त्योहार एवं शादी समारोह में गेंदे की मांग देखते हुए कई कृषक फूलों की खेती में रुचि लेने लगे हैं। एक एकड़ गेंदे की खेती में 32 हजार रुपए तक की लागत आती है तथा लगभग 20 से 22 क्विंटल तक उत्पादन होता है। जिससे प्रति एकड़ एक से डेढ़ लाख रुपए तक का मुनाफा कमाया जा सकता है।