व्यक्ति में अगर आगे बढऩे की दृढ़ इच्छा और लगन हो तो न सिर्फ रूकावटें दूर होती हैं बल्कि तरक्की के रास्ते खुद-ब-खुद बनते जाते है। थोड़े से प्रयास और जागरूकता के चलते कृषक गणेश राम कुशवाहाके जीवन स्तर में बदलाव आया है। परम्परागत खेती के बजाय अब वह फूलों की खेती को अपनाकर बेहतर मुनाफा कमाने लगे हैं। विदिशा जनपद के ग्राम भाटखेड़ी के किसान गणेश राम कुशवाह ने कर दिखाया हैं। उद्यानिकी विभाग ने उसके सपने को साकार करने में मदद की है। परंपरागत खेती में एक बार आमदनी हो रही थी वही उद्यानिकी फूलों की खेती से अब उसे हर रोज आमदनी होने लगी है।
खेती और मजदूरी के बीच में उद्यानिकी के नवाचार से लाभान्वित होने पर कृषक की आमदनी में चौतरफा वृद्धि हुई है। गणेशराम जी ने 3.5 बीघा रकबा में ड्रिप लगा कर कोलकत्ता बाले गेंदा का उत्पादन ले रहे है। जिससे उन्हें अच्छा उत्पादन प्राप्त हुआ है वर्तमान में गेंदे से 8 बार तुड़ाई कर ली है जिसमे बाजार मूल्य 30-100 रुपए तक मिल गया था जिससे 3,20,000 रु. प्राप्त कर लिए है और माह दिसम्बर तक 3 तुड़ाई ओर हो जाएगी लगभग 50,000 रु. ओर मिलने की संभावना है इस प्रकार गेंदा की कोलकाता बाली किस्म लगा कर कृषक ने 3.5 बीघा में 3,70,000 रु. प्राप्त किया जिससे कृषि फसल के मुकाबले दो गुना लाभ प्राप्त हुआ। गणेशराम जी उद्यानिकी फसले लगते हैं और सिंचाई की उन्नत एवं सर्बोतम विधि ड्रिप का उपयोग करते हैं। इनके पास कम भूमि होने पर भी एक सम्पन परिवार की श्रेणीमें आते हैं। उन्होंने अब गेंदा निकलने के बाद मिर्च एवं बेगन लगायेगे जिसकी पौध की तैयारी कर ली है। गणेशराम जी समय-समय पर उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से तकनीकी जानकारी लेते रहते हैं।