jaibik-khad
jaibik-khad

राजगढ़ विकासखण्ड मुख्यालय से 7 कि.मी. दूरी पर ग्राम तमोलिया मध्यमवर्गीय 45 वर्षीय लक्ष्मीनारायण तोमर कृषि विभाग आत्मा की तरफ से वर्ष 2014 में राज्य के अन्दर भ्रमण में भोपाल प्रवास के दौरान वर्मी काम्पोस्ट बनाने की विधि एवं इस पर मिलने वाने अनुदान संबंधी जानकारी प्राप्त हुई तब कृषि विभाग अधिकारी जीरापुर की सलाह पर उन्होने उद्यानिकी विभाग से अनुदान पर वर्मी पिट प्राप्त किया।

विभाग से अनुदान पर वर्मी पिट प्राप्त करने के बाद शुरू के 1 से 2 वर्ष में अपने स्वयं के उपयोग हेतु 2 से 3 ट्राली तक वर्मी खाद का निर्माण किया। जिस से मेरी 3 हेक्टेयर जमीन में लगने वाले रासयनिक खादों पर होने वाला अतिरिक्त खर्च लगभग बंद हो गया बचत की राशि मैंने जैविक खेती में उपयोग होने वाले अन्य उत्पाद जैसे गौमूत्र द्वारा कीटनाशी निर्माण के लिए ड्रमए जिवाअमृत के मटके मटका खाद की सामाग्री आदि खरीदना आसान हुआ जिस से 7 बीघा में शुद्व जैविक खेती करना शुरू किया। वर्तमान मे अपने उपयोग में लेने के अतिरिक्त प्रतिवर्ष लगभग 15 से 20 हजार की वर्मी खाद बेच लेता हूं। बाजार से लाये जाने वाले मंहगे कीटनाशी व टानिक के जगह गौमूत्र नीम का तेल धतुरा के पत्ते से बने कीटनाशी जैविक टोनिक का उपयोग करके वर्ष भर में 50 हजार रूपये तक की बचत कर लेता हूं। इसके आलावा अलग अलग विभागों द्वार दिए जाने प्रशिक्षणों में भी अपने उत्पादों का प्रचार-प्रसार कर लाभ कमा लेता हूं।