ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्व सहायता समूहों की महिलाओं ने जिले में गौशालाओं का संचालन, उपार्जन कार्य, बांस एवं काष्ठ शिल्प तैयार करनें का कार्य, सिलाई, कढ़ाई सब्जी उत्पादन , सौंदर्य सामग्री साबुन, सेनेटाईजर, सेनेटरी संबंधित कार्य शुरू किए है। ग्रामीण परिवेश होने के कारण महिलाओं ने कृषि एवं उद्यानिकी की गतिविधियां भी […]
फोटो गेंदा
गेंदे की खेती नेे बढ़ाया आत्मविश्वास…सामुदायिक बाड़ी ग्राम नूनदरहा तमनार में साग सब्जी की खेती के साथ फूलों की खेती महिला स्व-सहायता समूह द्वारा की जा रही है। जिसमें राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना अंतर्गत पुष्प क्षेत्र विस्तार हेतु उद्यान विभाग के सहयोग से ढ़ाई एकड़ रकबे में गेंदा के पौधे रोपण कराए गए हैं। इन […]
खजूर की खेती और व्यापारिक लाभ
खजूर में भरपूर मात्रा में शूगर, कैल्शियम, सेलेनियम, कॉपर, अमीनो एसिड, फॉस्फोरस, पोटाशियम और आयरन पाए जाते हैं, तो हमारे सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। इसके साथ ही खजूर हृदय रोग को कम करने, हड्डियों को मजबूत, कब्ज से राहत, गर्भावस्था, वजन बढ़ाने और दस्त को नियंत्रित करने, त्वचा निखारने, सर्दी, जुकाम, जोड़ों […]
खेतों में नया प्रयोग…एक ही खेत में जैविक और रासायनिक खाद से लगाई फसल
जैविक खाद से प्रति एकड़ एक क्विंटल अधिक हो रही फसलजैविक खेती अपनाने का जमीनी असर शानदार दिख रहा है। जिन किसानों ने पूरी तरह जैविक खाद से खेती की है उनकी धान की बालियां सघन और ऊंचाई भी नियत रही हैं। कई किसानों ने कुछ चक में जैविक खाद लिया तथा कुछ में रासायनिक […]
Mega Farmer’s training and rice cafeteria participatory trial evaluation at IRRI SAARC
Two days program on farmer orientation training and Participatory Varietal Evaluation (PVE) of Rice Varietal Cafeteria organized at International Rice Research Institute (IRRI), South Asia Regional Center (IRRI SARC). Organized on 11th and 12th November, the program was supported by Bill & Melinda Gates Foundation under the IRRI led AGGRi project, and engaged several agricultural […]
पानी का फल सिंघाड़ा की खेती…
पानी का फल सिंघाड़ा की खेती…सिंघाड़ा पानी में होने वाला बहुउपयोगी फल है। इसका इस्तेमाल ज्यादातर उपवास के फलों के रूप में किया जाता है। यह मौसमी फल है। सिंघाड़ा फल खाने के साथ-साथ इसका आटा भी बनाया जाता है। इसी आटे का इस्तेमाल उपवास के दौरान किया जाता है। इसे पानी का फल भी […]
फलों में नवाचार… ड्रैगन फ्रूट की खेती कर लाखों कमा रहे किसान
सुकमा जिला उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में होने के कारण यहां की जलवायु विविध प्रकार के वनोपज, वनस्पति, रबी एवं खरीफ फसलों, फल, फूल आदि के उत्पादन की लिए अनुकूल है। जिसका लाभ जिले के कृषकों को मिलता है। कृषक धान, मक्का, कोदो, कुटकी के अलावा भी बहुत प्रकार के फलों की खेती करते है। इस क्षेत्र […]
जैविक खेती कर कम लागत में अधिक आमदनी ले रहे किसान
केंचुए से कचरे को कंचन (सोना) में परिवर्तित कर खाचरौद तहसील के ग्राम नावटिया के किसान श्री सुनील पिता बालाराम ने अपने खेती में जैविक खेती का उपयोग कर कम लागत में अधिक आय प्राप्त कर रहे हैं। जैविक खेती करने से उन्होंने रासायनिक खाद का कम उपयोग किया है। रासायनिक खाद पर निर्भरता कम […]
कपास की खेती कर एक किसान ने बनाए नए कीर्तिमान
देवी सिंह ग्राम मंगरोला का सामान्य किसान है, उनके परिवार में लगभग 50 बीघा खेती है सामान्य तौर पर प्रचलित खेती ही परिवार में होती थी किंतु पारिवारिक संपर्क खरगोन जिले में होने के कारण वहां की खेती देखकर उन्हें कुछ नया करने की सूझी, जिस पर गत वर्ष अपने 1 बीघा खेत में कपास […]