जैसा कि आप सभी जानते हैं कि अरहर की खेती के लिए बलुई दोमट और दोमट भूमि अच्छी होती है। इसके अलावा जल निकासी की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए तथा हल्के ढालू खेत अरहर के लिए सर्वोत्तम होते हैं। ध्यान रहें लवणीय तथा क्षारीय भूमि में इसकी खेती सफलतापूर्वक नहीं की जा सकती है। अरहर […]
उप्र : कृषि उत्पादन में बीजो का खास महत्व…कैसे करें बीजों का चयन…
खेती-किसानी में प्राय: हर चीजों का खास महत्व होता है। खेत का आकार, सिंचाई, मिट्टी, बीज आदि। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण होता है बीजों का चुनाव। यदि आपने उच्च गुणवत्ता के बीजों का चयन नहीं किया, तो जाहिर सी बात है आपको उत्पादन आपके अनुकूल नहीं मिल पाएगा। फिर किसी अन्य को दोष के बचाए स्वयं […]
उप्र : गन्ना उत्पादकों किसानों को बड़ी राहत…केंद्र सरकार ने बढ़ाया एफआरपी…उत्तरप्रदेश में होता है सबसे ज्यादा गन्ना…
गन्ना उत्पादकों किसानों को केंद्र सरकार ने बड़ी राहत दी है। इसके तहत अब गन्ने का 2020-21 (अक्तूबर-सितंबर) मार्केटिंग वर्ष के लिए एफआरपी दाम 10 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाने को मंजूरी दी गई। आपको बता दें कि यह गन्ने का न्यूनतम मूल्य होता है, जिसे चीनी मिलों को गन्ना उत्पादक किसानों को भुगतान करना होता […]
दलहनी फसलें प्रोटीन का अच्छा स्रोत…ऐसे करें खेती तो मिलेगा भरपूर उत्पादन
दलहनी फसलें प्रोटीन का अच्छा स्रोत होती है। इसलिए इसकी खेती को काफी महत्व दिया जाता है। दलहनी फसलों में मुख्यत: अरहर, चना, मटर, मसूर और मूंग आदि शामिल हैं। इसमें में यदि हम बात करें तो अरहर की दाल का उपयोग बहुतायत में किया जाता है। इसलिए यह किसानों के लिए फायदेमंद है। कहा […]
खेती-किसानी में पशुओं का है खास महत्व…जानें पशुपालन का महत्व और उपयोगिता…
आदिकाल से ही पशु मनुष्य के लिए बहुउपयोगी साबित हो रहा है। खेती-किसानी में तो पशुओं की उपयोगिता किसी से छिपी नहीं है। खासकर, बैल और भैंस आज भी किसान के साथ-साथ अपनी मेहनत से फसल उत्पादन में बराबर का योगदान देते हैं, तो वहीं गौमाता कही जाने वाली गाय का दूध सर्वोत्तम माना जाता […]
मिट्टी परीक्षण के बाद ऐसे बढ़ा गेंहू का उत्पादन
राजगढ़ जिले के जीरापुर विकास खण्ड के ग्राम सुन्दरपुरा निवासी मांगीलाल कवंरलाल बताते है कि लगभग 02 हेक्टेयर जमीन जो उत्पादन की दृष्टि से लगभग बहुत ही कमजोर हो गई थी। कुल उत्पादन का 50-60 प्रतिशत तक ही मिल पाता था। कभी फसल के पीला पड़कर खत्म हो जाना कभी फसल अच्छी होने पर भी […]
पिछले खरीफ फसल में पंजीकृत किसानों को इस वर्ष पंजीयन की आवश्यकता नहीं
धान और मक्का खरीदी के लिए 2019-20 में पंजीकृत किसानों को वर्ष 2020-21 के लिए पंजीकृत माना जाएगा छत्तीसगढ़ शासन द्वारा धान और मक्का खरीदी के लिए खरीफ वर्ष 2019-20 में पंजीकृत किसानों को विपणन वर्ष 2020-21 के लिए मान्य करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए विगत खरीफ वर्ष 2019-20 मे पंजीकृत किसानों […]
कोरोना संकट काल में किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाने की अच्छी पहल… ऑपरेशन ग्रीन स्कीम में आलू, प्याज, टमाटर के साथ अब फल और सब्जियां भी शामिल….
कोरोना संक्रमण के चलते उद्यानिकी की खेती करने वाले कृषकों को आर्थिक नुकसान से बचाने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा ऑपरेशन ग्रीन स्कीम के दायरे को बढ़ाए जाने की घोषणा की गई है। इस स्कीम में आलू, प्याज, टमाटर के साथ अब विभिन्न प्रकार के फलों और सब्जियों को भी शामिल किए जाने की […]
उप्र : दलहनी फसलों में चने के बाद अरहर…ऐसे करें खेती…
वैसे दलहनी फसलों में चने और अन्य दालों का नाम आता है। इसमें भी यदि उत्तरप्रदेश में दलहनी फसलों की बात करें तो यहां चने के बाद अरहर का नंबर आता है। यहां इसकी उत्पादकता अखिल भारतीय औसत से ज्यादा है। सघन पद्धतियों को अपनाकर इसे और बढ़ाया जा सकता है।अरहर की खासियत यह है […]
बकरी पालन से आ रही खुशहाली… जमुनापारी बकरे से सुधर रही नस्ल…
पशुपालकों को प्रोत्साहित करने पशुधन विकास विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत रोजगार-व्यवसाय की विभिन्न गतिविधियों से जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से समृद्ध किया जा रहा है। पशुपालन करने वाले किसानों को दुग्ध उत्पादन, बकरी पालन, मुर्गी पालन और मछली पालन के लिए मार्गदर्शन एवं आवश्यक मद्दे देकर उन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा […]