सीताफल की खेती और व्यावसायिक लाभ… सीताफल वैसे तो आम फलों से काफी अलग होता है, पर अपनी मिठास के चलते ये काफी लोकप्रिय है। और हां, इसका अंग्रेजी नाम कस्टर्ड एप्पल है। इसे शुगर एप्पल भी कहा जाता है। बाहर से गांठदार खंडों से बना एक मोटा छिलका फल होता है सीताफल। इसके अंदर […]
धान के कन्से की अवस्था में नत्रजन का करें छिड़काव
कृषि विभाग ने खरीफ फसलों की देखभाल एवं बेहतर उत्पादन के लिए किसानों भाईयों को सम सामयिक सलाह दी है। धान की फसल में जहां कन्से निकलने की अवस्था आ गई हो वहां नत्रजन की दूसरी मात्रा का छिड़काव करने की सलाह किसानों दी गई है। इससे धान के कन्से की स्थिति में सुधार आएगा। […]
शतावरी की खेती और व्यापारिक लाभ
शतावरी एक बहुवर्षीय पौधा की श्रेणी में आता है। इसकी जड़ें पहले तो ताजी और चिकनी होती है, लेकिन सूखने पर इसमें झुरियां सी आ जाती है। इसका अंग्रेजी नाम एस्परैगस कहते है। यह एक किस्म की सब्जी है। इसकी ज्यादातर खेती चीन, पेरू, मैक्सिको, जर्मनी आदि में होती है। लेकिन इसके व्यापारिक महत्व को […]
सुंगधित औषधी पौधा गुलमेहंदी…खेती और व्यापारिक लाभ
गुलमेहंदी के फूल बैंगनी, गुलाबी, नीला या सफेद रंग के होते हैं। गुलमेहंदी का अंग्रेजी नाम रोजमेरी है। यह औषधीय गुणों से भरपूर एक सुगंधित पौधा है। गुलमेंहदी में कई तरह के एंटीएजिंग, एंटीऑक्सीडेंट आदि तत्व होते हैं। इसका उपयोग कई प्रकार से किया जाता है। गुलमेंहदी का इस्तेमाल सूप, स्टॉज, रोस्ट्स और स्टफिंग और […]
रसदार अनार की फायदेमंद खेती…
रसदार अनार की फायदेमंद खेती… अपने पौष्टिक गुणों से भरपूर रसदार अनार हर किसी को पसंद आता है। अनार की खेती वैसे तो हमारे देश में महाराष्ट्र में बहुतायत में की जाती है। यहां इसके बड़े विशाल बगीचे देखे गए हैं। वहीं दूसरी ओर राजस्थान, उत्तरप्रदेश, आन्ध्रप्रदेश, हरियाणा, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात में भी अनार की खेती की जाती है। […]
आयरन से भरपूर पालक की उन्नत किस्में
आयरन से भरपूर पालक की खेती और किस्में… हरी सब्जी के रूप में पालक का खास महत्व है। पालक में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं। खासकर इसमें आयरन काफी मात्रा में पाया जाता है। इसके साथ ही पालक विटामिन ‘एÓ, प्रोटीन, एस्कोब्रिक अम्ल, थाइमिन, रिबोफ्लेविन तथा निएसिन का अच्छा स्त्रोत माना गया है। पालक की सब्जी और पालक का […]
कुंदरू की खेती…
कुंदरू की खेती… मुख्यत: सब्जी के रूप में इस्तेमाल होने वाले कुंदरू में कई पोषक तत्वों के साथ ही औषधीय गुण भी होते हैं। कुंदरू में फाइबर, विटामिन-ए और सी, कैल्सियम, फ्लेवोनोइड्स, एंटी बैक्टीरियल और एंटी-माइक्रोबियल, आयरन आदि पाए जाते हैं. इसे खाने से पाचन, कैंसर, मधुमेह, किडनी स्टोन, हृदय रोग और नर्वस सिस्टम से जुड़े रोगों […]
मोटे अनाज की कीमती फसल ज्वार…कैसे करें खेती…
ज्वार की फसल बहुउपयोगी है। एक तरफ यह आहार के रूप में काम आती है, वहीं इसका उपयोग पशु चारे के लिए भी बहुतायत में किया जाता है। इसके साथ ही ज्वार की फसल कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी इसकी उपज हो जाती है। इसके साथ ही ज्वार कुछ समय के लिये भूमि में […]
ग्वार की खेती…मृदा, जलवायु और किस्में
ग्वार की खेती…मृदा, जलवायु और किस्में ग्वार का मुख्य रूप से बीज, सब्जी, हरा चारा, हरी खाद एवं ग्वार गम के रूप में प्रचुरता से उपयोग होता है। इसकी खेती असिंचित व बहुत कम वर्षा क्षेत्रों में भी की जा सकती है। इसके बीजों में अत्यधिक प्रोटीन होता है। भारतवर्ष संसार का सबसे महत्वपूर्ण ग्वार […]
कुसुम की खेती….
रबी फसल की श्रेणी में आने वाला कुसुम बहुउपयोगी है। इसलिए इसकी खेती की ओर किसान आगे बढ़ रहे हैं। खरीफ की दलहनी फसलों के बाद द्वितीय फसल के रुप में जैसे सोयाबीन, मँंग, उड़द या मँगफली के बाद रबी में द्वितीय फसल के रूप में कुसुम को उगाया जा सकता है। तो आइए आज जानकारी लेते […]