ईरी ने राष्ट्रीय अनुसंधान और विस्तार प्रणाली के सहयोग से पूर्वी भारत के अनुकूलित चावल की नई उन्नत किस्मों की पहचान की
ईरी ने राष्ट्रीय अनुसंधान और विस्तार प्रणाली के सहयोग से पूर्वी भारत के अनुकूलित चावल की नई उन्नत किस्मों की पहचान की

डॉ. कुन्तल दास; डॉ. स्वाति नायक
बीज प्रणाली और उत्पाद प्रबंधन (चावल प्रजनन नवाचार मंच)
अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र, वाराणसी, उत्तर प्रदेश.

२०२१ खरीफ सीजन में ऑन-फार्म-ट्रायल (ओ.एफ.टी) को पूर्वी भारत के ४ राज्यों बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा और उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर किसान के खेत पर परीक्षण किया गया है | एक वैज्ञानिक क्रियाविधि का पालन करते हुए, विशिष्ट चावल उगाने वाली पारिस्थितिकी और प्रचलित बाजार क्षेत्रों में उन्नत किस्मों को मूल्यांकन किया गया है। छह बाजार खंडों के साथ, पूर्वी भारत में सहयोगी के रूप में सरकारी संगठन कृषि विज्ञान केंद्र (के.वी.के), राज्य कृषि विश्वविद्यालय, गैर- सरकारी संगठन (एन.जी.ओ) के साथ व्यापक साझेदारी के साथ कुल ५५९ ओ.एफ.टी. किसान को खेत में परिक्षण किए गए थे। कुल २७ नई किस्मे इस परिक्षण में शामिल किया गया था। यह शोध उन उन्नत किस्मों की पहचान करता है जिन्हें विभिन्न लक्षित वातावरणों में अनुकूलित किया जाता है। इन परीक्षणों के दौरान, किसान और विस्तार कर्मियों से किस्मों के बारे में प्रतिक्रिया एकत्र गया था। दक्षिण एशिया प्रमुख डॉ. स्वाति नायक के निर्देश पर वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. कुंतल दास ने आईआरआरआई, दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र वाराणसी (यूपी) से पूरे ऑपरेशन का समन्वय किया।

अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (।RRI) की इंडिया सीड सिस्टम एंड प्रोडक्ट मैनेजमेंट टीम द्वारा ऑनलाइन मोड में ५-६ मई २०२२ को दो दिवसीय ‘२०२१ खरीफ सीजन परिणाम साझाकरण कार्यशाला’ का आयोजन किया गया था। इस दो दिवसीयो सत्र में कुल ५२ प्रतिभागियों की भागीदारी थी, जिसमें १० केवीके के वैज्ञानिक/ प्रमुख, २ एस.ए.यू. के प्रोफेसर, १२ गैर सरकारी संगठनों के अधिकारी, ४ राज्यों के डेटा प्रगणक और ईरी की टीम भी शामिल थे। इस कार्यशाला में बैज्ञानिको और विस्तार कार्यकर्ता के साथ विचार-विमर्श के बाद कुल मिलाकर, ४ राज्यों में बेहतर उपज और आनुवंशिक लाभ के साथ सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली किस्मों की पहचान की गई है। सीधी बुवाई, जल्दी परिपक्वता, उच्चभूमि का वातावरण के लिए राजेंद्र सरस्वती, सबौर हर्षित; प्रतिरोपित, जल्दी परिपक्वता, सिंचित वातावरण के लिए बीनाधान11, सीआर307, बीआरआरआई75; प्रतिरोपित, मध्यम परिपक्वता वाले सिंचित वातावरण के लिए स्वर्ण समृद्धि, बीआरआरआई69; प्रतिरोपित मध्यम परिपक्वता वर्षा सिंचित वातावरण के लिए एमटीयू1155 ने ४ राज्यों में समान रूप से और किसान चयनित किस्मो से अत्यधिक अच्छा प्रदर्शन किया। विशेष रूप से बिहार के लिए राजेंद्र सरस्वती, सबौर हर्षित, सबौर श्री, स्वर्ण समृद्धि, बीआरआरआई69 को आशाजनक प्रतिक्रिया मिली। ओडिशा के लिए सीआर धान 210, बिनाधन 17, बीआरआरआई 69, स्वर्ण समृद्धि ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।

छत्तीसगढ़ के लिए बीनाधान 17, बीआरआरआई 69, स्वर्ण समृद्धि, एमटीयू 1155 सर्वोच्च प्रदर्शन करने वाले रहे। उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से के लिए बीआरआरआई 75, सीआर धान 307, स्वर्ण समृद्धि को प्राथमिकता दी गई। इन चयनित किस्मों को प्रदर्शन के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए आगे बढ़ाया जाएगा। उम्मीद है कि मौजूदा किस्मों के मुकाबले इन चावल की उपज में वृद्धि और किसान के लाभ को बढ़ाने में मदद मिलेगी। किसानों को शीघ्र गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराने के लिए इन किस्मो को संबंधित और अनुकूलित राज्यों की बीज श्रृंखला में शामिल करने का प्रयास को आगे बढ़ाया जाएग।