मुख्मंत्री जल स्वावलंबन योजना राजस्थान – Mukhyamantri Jal Swavalamban Scheme Rajsathan
गांवों में वर्षा का पानी बहकर बाहर जाने की बजाय गांवों के ही निवासियों, पशुओं और खेतों के काम आए, इसी सोच के साथ 27 जनवरी 2016 से ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान’ की शुरुआत की गई। बारिश के पानी की एक-एक बूंद को सहेजकर गांवों को जल आत्मनिर्भरता की ओर बढा़ना इस अभियान का मूल उद्देश्य है। उस दिन राजस्थान में 3529 गावो में जल स्वावलम्बन योजना का विधिवत आरम्भ हुआ । पहले साल करीब तीन हजार गांवों को जल स्वावलम्बी बनाने के लिए चिन्हित किया गया है। अगले तीन सालों में करीब 21 हजार गांवों को जोड़ते हुए उन्हें लाभान्वित किया जाएगा। यह एक ऐसी योजना है जिसमें जल स्वावलम्बन का सहारा स्थानीय स्त्रोतों(तालाब, जल संरक्षण) से लिया जा रहा है।
योजना की सफलता के लिए अग्रिम पंक्ति में खड़ा होना होगा।
1- क्या क्या कार्य होंगे ?
मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान में जल संग्रहण के कार्य एनीकट, खड़ीन, टांका, पाइप लाइन, जोहड़, मिटटी के चैकडेम, जल संग्रहण ढांचा, फील्ड बंड, अनार के बगीचे, खेत तलाई मय प्लास्टिक शीट के साथ कृषि एवं चारागाह विकास के कार्य कराए जाएंगे। इसके अलावा लघु सिंचाई योजना के कार्य, जल संग्रहण ढांचों की क्षमता बढाने, पेयजल स्त्रोतों के सृदृढीकरण, कृत्रिम भू जल पुर्नभरण कार्य, पौधारोपण के साथ फसल एवं उद्यानिकी की उन्नत विधियों को बढावा देकर व्यवसायिक खेती अथवा आधुनिक खेती को बढावा देने के प्रयास किए जाएंगे।
2- ग्रामीणों एवं स्वयंसेवी संस्थाणों की भागीदारीः मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान में सीएसआर के तहत स्वयंसेवी संस्थाएं, धार्मिक संस्थाएं, गैर आवासी ग्रामीण, आमजन अपनी भागीदारी निभा सकते है। वहीं ग्रामीण अभियान में ट्रेक्टर, जेसीबी, सीमेंट, गिटटी, धन एवं श्रम आदि का दान देकर अपना योगदान दे सकते है।
3- चार वर्ष तक चलेगा अभियानः मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान आगामी चार वर्ष तक चलेगा। इससे प्रदेश के 21 हजार गांव लाभांवित होंगे। इसके तहत चयनित गांव में जल की मांग का आंकलन करने के बाद पानी की कमी दूर करने के लिए नए जलसंग्रहण ढ़ाचों के निर्माण के साथ अन्य गतिविधियों का चयन करते हुए उनको क्रियान्वित किया जाएगा।अगले 3 वर्षों में इस अभियान के माध्यम से प्रदेश भर के 9 हजार से भी ज्यादा गाँवों को स्वच्छ पेयजल एवं जल भंडारण की सुविधाओं से युक्त किया जाएगा।
To get More Information – http://suraaj.rajasthan.gov.in/hi/jal-swavlamban