हर दिन हो रही 5 से 7 हजार की आमदनी…जानें किसानों की कहानी
कोरबा जिले के वनांचलों में रहने वाले वनवासियो का जीवन अब तेज़ी से बदल रहा है। जिले के करतला विकासखंड के दूरस्थ चिचोली गांव के किसान उपनारायण बिंझवार ने आज मुख्यमंत्री को सरकारी योजना से लाभ लेकर आगे बढऩे की अपनी सफलता के बारे में बताया और जनहितकारी योजनाओ के लिए आभार भी जताया। उपनारायण ने बताया कि धान की खेती छोड़ कर सब्जी की खेती से उन्होंने आप के साथियों के साथ पंद्रह दिन में ही तीस हजार रुपये कमा लिए है। अभी रोज खेत से सब्जी निकल रही है और हर दिन लगभग दो-ढाई हजार का शुद्ध फायदा हो रहा है।
10 एकड़ जमीन पर मिला मालिकाना हक
किसान उपनारायण बिंझवार ने मुख्यमंत्री को बताया कि वन अधिकार मान्यता पत्र के द्वारा उन्हें और उनके दूसरे 10 साथियो को कुल दस एकड़ जमीन का मालिकाना हक मिला था। किसी के पास एक एकड़ से भी कम भूमि है तो किसी के पास दो एकड़। ऐसे में इस भूमि पर सभी अलग अलग धान की खेती करते थे।
दूरस्थ इलाके में धान की खेती आसान नहीं
धान की खेती में फायदा कम था साथ ही दूरस्थ इलाके के कारण भी खेती करना आसान नहीं था। इसके बाद उपनारायण को धान के बदले दूसरी फसलो की खेती पर मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना की जानकारी लगी। बिंझवार समुदाय के उपनारायण ने अपने खेत से लगी भूमि के दूसरे छह पट्टाधारियों से सलाह की और सामूहिक रूप से धान की खेती छोड़ दूसरी फसल लगाने का फैसला किया।
सरकार की योजनाओं ने दी मजबूती
किसान बोधराम, सत्य नारायण, शांतिलाल, संतोष, अमरनाथ और ओमप्रकाश के इस फैसले को सरकार की विभिन्न योजनाओं ने मजबूती दी । उद्यान विभाग के अधिकारी श्री दिनकर ने इन किसानों का समूह बनाकर उन्हें सामुदायिक बाड़ी बनाकर सब्जियों की खेती करने प्रोत्साहित किया गया। उद्यानिकी विभाग की योजनाओं के साथ अन्य विभागीय योजनाओं और खनिज न्यास मद में कन्वर्जेंस कर किसानों को एक साथ कई योजनाओं से लाभान्वित किया गया।
बीज और खाद भी शासकीय मदद से
सामुदायिक बाड़ी के दस एकड़ रकबे की फैंसिंग, नलकूप खनन कर सोलर पंप की स्थापना, ड्रिप सिंचाई सिस्टम, मल्चिंग, पावर ट्रिलर, पावर स्प्रेयर के साथ सब्जियों के उन्नत बीज और खाद भी किसानों को शासकीय मदद पर दिए गए। सहायता पाकर इन किसानों ने अपनी मेहनत से इस 10 एकड़ रकबे में से लगभग आठ एकड़ में सामुदायिक बाड़ी बनाकर करेला, बरबटी, बैगन, मिर्च की फसल लगाई है। अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए किसानों ने लगभग दो एकड़ रकबे में धान की भी उन्नत किस्म की फसल लगाई है ताकि परिवार को साल भर खाने के लिए चांवल मिल सके।
हर रोज पांच से सात हजार रुपये की सब्जी
हर रोज इनकी बाड़ी से पांच से सात हज़ार रुपये की सब्जी निकल रही है। कोरबा शहर से 30-35 किलोमीटर से आकर सब्जी के थोक खरीदार सीधे खेत से ही हर दिन सब्जी उठा रही है। इन किसानों ने पंद्रह दिन में ही सब्जी बेचकर तीस हजार रुपये का शुद्ध फायदा कमा लिया है। उपनारायण ने बताया कि आगे इस भूमि पर एक एकड़ में तालाब खुदाई करने की योजना है ताकि मछली पालन कर अतिरिक्त आमदनी ली जा सके।