फेंसिंग योजना का लाभ उठाएं उद्यानिकी कृषक
फेंसिंग योजना का लाभ उठाएं उद्यानिकी कृषक

सहायक संचालक उद्यान ने जानकारी देते हुए बताया कि उद्यानिकी फसलों की सुरक्षा के लिए राज्य घोषित सामुदायिक फेंसिंग योजना वर्ष 2021-22 हेतु उद्यान विभाग जिला महासमुन्द को कुल 44.00 हेक्टेयर का भौतिक लक्ष्य प्राप्त हुआ है। इनमें सामान्य वर्ग एवं अनुसूचित जनजाति के लिए 15-15 हेक्टेयर तथा अनुसूचित जाति के लिए 14 हेक्टेयर का लक्ष्य है, जिसे विकासखंडवार विभाजित कर लक्ष्य की पूर्ति हेतु विकासखंडों को भेजा गया है।

उन्होंने बताया कि उद्यानिकी फसल की सुरक्षा के लिए राज्य पोषित सामुदायिक फेंसिंग योजना का लाभ लेने हेतु न्यूनतम 02 कृषकों का समूह होना अनिवार्य है तथा कृषक समूह का रकबा न्यूनतम 0.5 हेक्टेयर से 2.00 हेक्टेयर रकबा तक लघु एवं सीमांत कृषकों को लाभ दिये जाने का प्रावधान है। इस योजना का लाभ लेने हेतु इच्छुक कृषक अपने भूमि संबंधित दस्तावेज ऋण पुस्तिका, बी-1, नक्शा, खसरा, आधार कार्ड, पंचायत प्रस्ताव, कृषक का पासपोर्ट साईज फोटो, बैंक खाता एवं कृषक समूह के भूमि का एकजाई नक्शा निर्धारित आवेदन पत्र के साथ अपने विकासखंड में पदस्थ उद्यानिकी अधिकारियों से संपर्क कर सकते है। योजना क्रियान्वयन हेतु कृषकों का चयन ”पहले आओ पहले पाओÓÓ के आधार पर किया जाएगा। इच्छुक कृषक विकासखंड कार्यालय प्रभारियों से आवेदन प्राप्त कर आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन विकासखंड कार्यालय प्रभारियों के पास जमा कर सकते है।

सहायक संचालक उद्यान ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन के दिशा-निर्देशानुसार प्रति हेक्टेयर आदान सामग्री सीमेंट फेंसिंग पोल 180 नग एवं चैन लिंक 1000 किलोग्राम की कुल लागत राशि 1,08,970 रुपए का 50 प्रतिशत् अधिकतम राशि 54,485 रूपउ अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। प्रति हेक्टेयर मात्रा के अनुसार आदान सामग्री सीमेंट फेंसिंग पोल एवं चैन लिंक कृषक पंजीकृत संस्थाओं जैसे छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम, नाफेड या उनके अनुबंधित कंपनी से आदान सामग्री क्रय कर 100 प्रतिशत का देयक प्रस्तुत करना होगा तथा अपने प्रक्षेत्र में सीमेंट फेंसिंग पोल एवं चैन लिंक फेंसिंग का कार्य पूर्ण कर जिले के सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी द्वारा सत्यापन करा कर प्रस्तुत करना होगा। सत्यापन पश्चात् योजना के प्रावधान अनुसार अनुदान राशि कृषक के खाते में डी.बी.टी. किया जाएगा। योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए विकासखंड के उद्यानिकी अधिकारी से संपर्क किया जा सकता है।