प्रकृति का अनुपम उपहार तेन्दू पत्ता वन वासियों के अजिवीका का महत्वपूर्ण साधन है। अब तेन्दू पत्ता तोड़ाई का कार्य पूर्ण हो चूका है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा तेन्दू पत्ता संग्राहकों को समृद्ध और खुशहाल बनाने के लिए उनसे चार हजार रूपए प्रतिमानक बोरा की दर से तेन्दू पत्ता खरीदा गया है। संग्राहकों को बढ़ी दर पर अब ज्यादा पारिश्रमिक की राशि मिल रही है, जिससे उनके परिवार में उत्साह एवं प्रसन्नता है।
राजनांदगांव जिले में सघन वन तेन्दू पत्ता से समृद्ध है, वहां के वनवासी तेन्दू पत्ता संग्रहण कार्य में परिवार सहित सलंग्र रहते हैं। वन विभाग द्वारा उन्हें अच्छी गुणवत्ता का तेन्दूपत्ता लाने की लिए निरंतर प्रोत्साहित किया गया। सरईपतेरा की श्रीमती संवरी ने बताया कि तेन्दू के पाना से हमर जिनगी के खाना-दाना चलथे, अऊ एखर से हमन ल रोजी-रोटी मिलथे। श्रीमती हिमानी ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन की ओर से तेन्दूपत्ता खरीदने से हमें फायदा हुआ है और जीविकोपार्जन में आसानी हुई है। लॉकडाउन के दौरान वन विभाग द्वारा तेन्दूपत्ता संग्राहकों को मास्क का भी वितरण किया गया। तेन्दूपत्ता फड़ों में वनवासियों को सोशल डिस्टेसिंग का पालन करने के लिए जागरूक किया गया।
संग्रहण केन्द्रों में 100-100 की गड्डी को चट्टे के रूप में बनाया जा रहा है और पत्ते सुखाने का कार्य किया जा रहा है। बोरी में तेन्दूपत्ता भरकर गोदाम में परिवहन का कार्य जारी है। जिले के 75 संग्रहण केन्द्रों में 3 लाख 13 हजार 644 तेन्दूपत्ता संग्राहकों से लगभग 87 हजार 870 मानक बोरा तेन्दूपत्ता संग्रहित किया गया। तेन्दूपत्ता संग्रहाकों को 10 करोड़ 76 लाख 93 हजार 421 रूपए का भुगतान किया गया है।