अभी तक हमने बैंगन, लौकी, मुनगा, आम जैसे कई उत्पादकों के बारे में खबर सुना है कि किसी किसान ने सबसे लंबे बैंगन का उत्पादन किया तो किसी ने सबसे लंबी लौकी उगाई है। लेकिन आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि उत्तराखंड के गोपाल उप्रेती ने 2.16 मीटर लंबा धनिया का जैविक पौधा उगा कर अपना नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज कराया। आपको बता दें कि इससे पहले गिनीज वल्र्ड रिकॉर्ड में पहले से दर्ज 1.8 मीटर धनिये के पौधे को चुनौती दी। बताया जा रहा है कि उन्होंने जैविक धनिया की फसल बिना पॉली हाउस के उगाई जिसमें पौधे की अधिकतम लंबाई सात फुट एक इंच रिकॉर्ड की गई।
वैसे खेती-किसानी में नित-नए प्रयोगों के चलते किसानों के साथ-साथ वैज्ञानिक भी लगे हुए हैं। जिसका परिणाम लगातार अच्छा सामने आते रहता है। हमारे देश की अधिकांश फसलें वैसे मानसून आधारित है, इसके बाद भी कई क्षेत्रों में मानसून की निर्भरता को भी कमतर किया जा रहा है और उपलब्ध संसाधनों से ही खेती-किसानी को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसका लाभ किसानों के साथ-साथ अन्य लोगों को भी मिलता है और वे उनके बताए रास्तों पर चलकर नित नए प्रयोग करते रहते हैं।
किसानों को सबसे ज्यादा गर्मी के समय नुकसान उठाना पड़ता है। क्योंकि कई गांवों में निस्तारी के लिए पानी की समस्या हो जाता है, तो फसलों की बात और दूर है। लेकिन आत्मनिर्भरता के चलते कई किसान स्वयं का कुआं या नालों के जरिए खेती-किसानी कर लेते हैं। यह अपनेआप में काफी महत्वपूर्ण है।