शासकीय सहायता प्राप्त कर किसान उन्नत खेती की ओर आगे बढ़ रहे हैं। शासन की ओर से किए जा रहे किसान हितार्थी प्रयासों से किसानों का आय बढ़ रहा है और फसल उत्पादन में भी बढ़ोत्तरी हो रही है।
कटघोरा के ग्राम सेमीपाली निवासी श्री सुमरन सिंह कंवर शासकीय मदद लेकर सब्जी उत्पादन कर लगातार अपनी आय को बढ़ा रहे हैं। कृषि-उद्यानिकी विभागों द्वारा दिए गए मदद के फलस्वरूप सुमरन सिंह एक साल में सब्जी उत्पादन करके ढाई लाख रूपए से अधिक का व्यवसाय कर चुके हैं। पहले परंपरागत और केवल धान की खेती करने से खेत में औसत उपज होती थी। परंपरागत खेती करने से मुनाफा भी कम होता था जिससे परिवार के भरण-पोषण में आर्थिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था।
शासकीय विभाग द्वारा खेती करने के लिए जरूरी सामानों के साथ आवश्यक मार्गदर्शन भी दिया गया। शासन की ओर से जरूरी सहायता और मार्गदर्शन पाकर किसान श्री सुमरन सिंह ने अपने लगभग सात एकड़ जमीन के साढ़े तीन एकड़ भाग में सब्जी की खेती कर खूब आमदनी कमाया है। अपने खेत में बरबट्टी, करेला, भिण्डी और बैंगन की फसल लेकर लगभग ढाई लाख रूपए से अधिक का व्यवसाय कर चुके हैं। किसान श्री सुमरन सिंह को शासन की ओर से सिंचाई के लिए ड्रिप सिस्टम, शेडनेट, ग्रीन हाउस प्रदान किया गया है। उनकी खेती की जमीन को जानवरों से सुरक्षा के लिए फेंसिंग भी शासकीय योजना के अंतर्गत किया गया है। जुताई करने के लिए विभाग द्वारा पॉवर रीडर भी प्रदान किया गया है।
किसान श्री सुमरन सिंह के खेतों में सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था के लिए क्रेडा द्वारा सौर चलित पंप भी स्थापित किया गया है। उद्यानिकी विभाग द्वारा समय-समय पर कृषि से संबंधित जरूरी सलाह और बीज आदि अनुदान पर दिया जाता है। शासन की ओर से किए गए मदद से सुमरन सिंह सब्जी उत्पादन करके अधिक मुनाफा कमा रहे हैं।
किसान श्री सुमरन सिंह कंवर के पुत्र श्री सहेत्तर सिंह कंवर ने बताया कि पहले जानकारी के अभाव में सामान्य खेती करते थे जिससे ज्यादा आमदनी नहीं हो पाती थी। कृषि-उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों द्वारा दिए गए सलाह और जरूरी शासकीय मदद से बड़े पैमाने पर खेती करना शुरू किए। उन्होंने बताया कि अपने खेत में धान के अलावा सब्जी की फसल लगातार ले रहे हैं जिससे परिवार की आवक बढ़ी है। उन्होंने बताया कि शासन की ओर से खेती-किसानी के जरूरी सामान और सब्जियों के भण्डारण के लिए पैक हाउस भी प्रदान किया गया है। शासन की ओर से आर्थिक लाभ के तहत ऋण भी प्रदान किया जाता है।
सहेत्तर सिंह ने बताया कि शासकीय मदद से सब्जी उत्पादन को देखकर उनके गांव के अन्य किसान भी प्रोत्साहित हुए हैं और बड़े पैमाने पर जागरूक होकर सब्जी की खेती कर रहे हैं। उन्होंने अपने खेत के एक भाग में केंचुआ खाद बनाने के लिए वर्मी टांका भी बनाया है। जिसमें से गोबर के साथ पौधों की पत्तियां, खराब सब्जियां आदि डालकर जैविक खेती के लिए केंचुआ खाद का भी निर्माण कर रहे हैं। खेत में उत्पादित सब्जियां गांव में आने वाले कोचियों और दर्री स्थित सब्जी मण्डी के माध्यम से बिक जाती है। सब्जी उत्पादन से होने वाले लाभ से प्रोत्साहित होकर किसान श्री सुमरन सिंह दूसरे किसानों को भी शासकीय योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।