ठंड के मौसम में चलने वाली शीतलहर से पशुओं को बचाने सलाहकारी निर्देश जारी किया गया है। यह निर्देश पशु चिकित्सा विभाग द्वारा जारी किया गया है जिसमें शीतलहर में पशुओं की देखरेख संबंधी किए जाने वाले उपायों के बारे में पशुपालकों को सलाह दिया गया है। जारी निर्देश में पशुपालकों को अपने पशुओं को शीतलहर में ज्यादा देर के लिए खुले में ना छोडऩे की सलाह दी गयी है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी गाइडलाइन्स के अनुसार पशु शेड को रात में चारो ओर से बोरे से ढंकने की सलाह दी गई है जिससे जानवरों को ठंडी हवा ना लग पाए। पशुओं को ठंड से बचाने कृत्रिम लाइट की व्यवस्था तथा कमजोर एवं बीमार पशुओं को बोरे से ढंकने संबंधी सलाह दिए गए हैं। जारी दिशा-निर्देश में पशुओं को सूखी जगह पर रखने, धुंए से बचाने, गीली जगह पर ना रखने तथा ठंडा पानी एवं खाना पशुओं को ना देने की सलाह दी गई है। उप संचालक ने बताया कि ठंड के मौसम को देखते हुए पशु मेला का आयोजन नहीं करने की सलाह पशुपालकों को दी जा रही है। पशुओं के तापमान को बनाए रखने के लिए गुड़ एवं तिल खिलाने, पशुओं को कृमियों से बचाने, परजीवियों से बचाने के लिए उनके शेड को साफ-सुथरा रखने, निर्गुड़ी, तुलसी तथा लेमनग्रास उनके शेड में टांगने की सलाह दी गई है जिसकी सुगंध से बाह्य परजीवी दूर रहेगा। पशु शेड में नीम तेल का छिड़काव करने तथा पशुओं को टीकाकरण और पशुओं को लवण मिश्रण के साथ भोजन-पानी देने की सलाह भी जारी की गई है।