खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए कई किसान पारंपरिक खेती के स्थान पर सब्जियां उगाकर अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं। इन्हीं में से एक है कोलारस के कुदोनिया ग्राम के कृषक नवीन जाट। जिन्होंने खेती को लाभ का धंधा बनाया है। नवीन ने बताया कि उन्होंने बीएससी एग्रीकल्चर किया है। उनके पिताजी श्री धर्मवीर सिंह खेती करते थे। उन्हीं से प्रेरित होकर नवीन ने सोचा की खेती में नई तकनीकों का उपयोग कर परंपरागत खेती के स्थान पर सब्जियां आदि उगाकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। लगभग 10 वर्ष पहले उन्होंने खेती शुरू की।
नवीन बताते हैं कि वह लगभग सौ एकड़ जमीन पर शिमला मिर्च, टमाटर, व हरी मिर्ची की खेती कर रहे हैं जो ना केवल जिले में बल्कि अन्य शहरों और राज्य से बाहर लखनऊ, कानपुर, दिल्ली तक भेजी जाती है। इसके अलावा विदेश तक नेपाल में भी शिमला मिर्च का निर्यात किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पढ़ाई करते हुए युवाओं की पसंद नौकरी में जाना होता है लेकिन पढ़ाई के दौरान उन्होंने खेती को चुना और पूरी मेहनत से खेती करना शुरू किया और हाइब्रिड बीज और नई- नई तकनीकों के उपयोग और बेहतर देखरेख से आज वह दो से 3 गुना लाभ कमा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिले में अपने खेतों में ड्रिप सिंचाई का काम उन्होंने ही शुरू किया। आज प्रतिदिन 7 से 8 टन तक सब्जियां पैकिंग कर ट्रकों से बाजार में भेजी जा रही हैं। इसमें अन्य लोगों को भी रोजगार मिल रहा है। लगभग 150 से 200 श्रमिक उनके खेतों में काम कर रहे हैं।
नवीन ने बताया कि शासन की भी कई योजनाएं हैं जिनका लाभ लेकर किसान उन्नतशील कृषक बनने की ओर अग्रसर हो सकते हैं। उनका कहना है कि उन्होंने लगभग 4000 वर्ग मीटर क्षेत्र में पॉलीहाउस बनाया है जिसमें 50 प्रतिशत 16 लाख से अधिक की सब्सिडी शासन द्वारा दी गयी है। इसके अलावा मल्चिंग में भी सब्सिडी का लाभ उन्हें मिला है।