वर्ष 2019-20 में धान खरीदी के लिए पंजीकृत छत्तीसगढ़ के किसानों का डेटा अद्यतन करने का कार्य 17 अगस्त से शुरू हो गया है, जो 31 अक्टूबर 2020 तक चलेगा। गत खरीफ वर्ष में पंजीकृत किसानों को पुन: किसान पंजीयन के लिए समिति में आने की आवश्यकता नहीं है। यदि पूर्व में पंजीकृत किसान किसी कारण से अपने पंजीयन में संशोधन कराना चाहते हैं तो समिति मॉडयूल के माध्यम से संशोधन की जाएगी। गत खरीफ वर्ष 2019-20 में जिन किसानों ने पंजीयन नहीं कराया है, किन्तु इस वर्ष पंजीयन कराना चाहते हैं, ऐसे नवीन किसानों का पंजीयन तहसील मॉडयूल के माध्यम से तहसीलदार द्वारा 17 अगस्त से किया जा रहा है। नए किसानों का पंजीयन 31 अक्टूबर 2020 तक किया जाएगा। नए पंजीयन के लिए किसानों को संबंधित दस्तावेजों के साथ आवेदन तहसील कार्यालय में जमा करना जरूरी है।
        गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा धान और मक्का खरीदी के लिए खरीफ वर्ष 2019-20 में पंजीकृत किसानों को विपणन वर्ष 2020-21 के लिए मान्य करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए विगत खरीफ वर्ष 2019-20 मे पंजीकृत किसानों की दर्ज भूमि एवं धान और मक्का के रकबे और खसरे को राजस्व विभाग के माध्यम से अद्यतन कराया जा रहा है। प्रदेश के उद्यानिकी तथा धान से पृथक अन्य फसलों के रकबों को किसी भी स्थिति में धान के रकबे के रूप में पंजीयन नहीं होगा। छत्तीसगढ़ में गन्ना, सोयाबीन, मक्का, सब्जियां, फल-फूल आदि अन्य फसलें खरीफ सीजन के दौरान उगाई जाती हैं। इसके अलावा अतिरिक्त खसरे में अंकित रकबे से अनुपयोगी बंजर भूमि, पड़त भूमि, निकटवर्ती नदी-नालों की भूमि, निजी तालाब, डबरी की भूमि, कृषि उपयोग हेतु बनाए गए कच्चे-पक्के शेड आदि की भूमि को पंजीयन में से कम किया जाएगा। किसान पंजीयन का कार्य राजस्व दस्तावेज के अनुसार किया जाता है। अत: गिरदावरी का काम राजस्व विभाग द्वारा समय पर कर पंजीयन के लिए डेटा उपलब्ध कराया जाएगा। गिरदावरी कार्य के समय प्रत्येक कृषक से आधार एवं मोबाइल नंबर प्राप्त किया जाएगा।