टमाटर व बैगन में फली-बेधक कीट की रोकथाम के लिए इन्डोक्साकार्ब 14.5: एससी 80 मिली./एक? या स्पाइनोसेड दवा 45: एससी 80 मिली./एकड़ की दर से प्रयोग करें। बरबट्टी भिण्डी व मिर्ची मैनी कीट के लिए इमिडाक्लोप्रिड दवा 17.8: एसएल 50 से 75 मिली./एकड़ या इथोफेनप्राक्स 10: ईसी 280 मिली/एक? या थायोमेथोक्सम 25: डब्ल्यूजी 40 ग्राम/एकड़ की दर से प्रयोग करें।
डॉ. (श्रीमती) प्रज्ञा पाण्डेय की किसान भाईयों को सलाह है कि खेतों में लगातार पानी भरकर न रखें, देरी होने की स्थिति में इस माह रोपाई कर रहें है तो पौधे की दूरी कम रखें व 3-4 पौधों का उपयोग करें। हरी काई के प्रकोप की स्थिति में जिस जगह से पानी अंदर आता है वहॉ कॉपर सल्फेट को पोटली में बांधकर रखें। सोयाबीन की खेत में जल भराव न होने दें एवं जल निकास की उचित व्यवस्था रखें। उद्यानिकी वैज्ञानिक डॉ. चेतना बंजारे ने कहा कि खरीफ प्याज की खेत में रोपाई करें। शिमला मिर्च की नर्सरी तैयार करें तथा केले के वाटर सर्कस निकालने का कार्य करते रहें एवं जिन पौधों में फूल या फल आया हो तुरन्त बंास लगाकर सहारा दें।
मत्स्यिकी वैज्ञानिक तोषण ठाकुर की सलाह है कि मछली पालक कृषक कार्प मिश्रित मछली पालन हेतु तालाबो में मछली बीज संचयन से पहले गोबर खाद की प्रथम खुराक 2 टन/हे. की दर से उपयोग करने के उपरान्त तालाब में प्राकृतिक भोजन की उपलब्धता या तालाब की स्थिति के अनुसार कार्प मछली की विभिन्न प्रजातियों का संचयन 6,000-10,000 नग मछली बीज प्रति हेक्ट. जल क्षेत्र की दर से करें। बारहमासी तालाब में फा्रई साइज के मछली बीज का संचयन न करें। अंगुलीका साईज के मत्स्य बीज का संचयन करे। मछलियों के अधिक बढ़वार हेतु प्रतिदिन मछलियों के शारीरिक भार के 3: के आधार पर स्थानीय रूप से उपलब्ध परिपुरक आहार या फिर पैलेटेड फीड का आहार मछलियों को दें।