राजनांदगांव जिले में आगामी खरीफ में बुआई हेतु तैयारी जोरो-शोरो पर किसानों के द्वारा किया जा रहा है जिसके तहत खेतों की साफ-सफाई, बीज, उर्वरक उठाव की कार्रवाई की जा रही है। जिले में किसानों के द्वारा खरीफ में ज्यादातर धान फसल ली जाती है, जबकि दैनिक जीवन में अनाज के साथ-साथ अन्य दलहन, तिलहन फसलों की आवश्यकता होती है। राज्य सरकार द्वारा फसल विविधिकरण तथा उत्पादन में वृद्धि करने हेतु ÓÓराजीव गांधी किसान न्याय योजनाÓÓ प्रारंभ की गई है। जिसके तहत सामान्य धान के स्थान पर सुगंधित या जैविक धान लगाने वाले कृषकों को प्रोत्साहन के रूप में प्रति एकड़ 10 हजार रूपए आदान सहायता दी जाएगी। अब तक जिले में लगभग 18 हजार 800 कृषकों का चयन किया गया है जो धान के बदले अन्य दलहन, तिलहन फसल लेने के इच्छुक हैं।
योजनांतर्गत खरीफ 2021 से धान के साथ खरीफ की प्रमुख फसल मक्का, कोदो, कुटकी, सोयाबीन, अरहर तथा गन्ना उत्पादक कृषकों को प्रति वर्ष 9000 प्रति एकड़ आदान सहायता राशि दी जाएगी। वर्ष 2020-21 में जिस रकबे से किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया था यदि वह धान के बदले कोदो कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, अन्य फोर्टिफाईड धान, केला, पपीता अथवा वृक्षारोपण करता है तो उसे प्रति एकड़ 10 हजार रूपए आदान सहायता राशि दी जाएगी। वृ़क्षारोपण करने वाले कृषकों को तीन वर्षो तक आदान सहायता राशि दी जाएगी।
पात्र कृषक
समस्त श्रेणी के भू-स्वामी एवं वन पट्टाधारी कृषक योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। संस्थागत भू-धारक, रेगहा/बटाईदार/कृषक अपात्र होंगे।
पंजीयन
कृषक पंजीयन का कार्य 1 जून से 30 सितम्बर 2021 तक करा सकते हैं। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के द्वारा खसरा का सत्यापन उपरांत संबंधित सेवा सहकारी समितियों से समयावधि में पंजीयन कराना होगा। अपंजीकृत कृषक की पात्रता नहीं होगी।
आवश्यक दस्तावेज
योजनांतर्गत पंजीयन कराने के लिए ऋण पुस्तिका, बी-1 आधार कार्ड, बैंक पासबुक की छायाप्रति के साथ आवेदन प्रपत्र आवश्यक है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत चयनित फसलों का उत्पादन लेते हुए किसान आदान सहायता राशि का लाभ ले सकते हैं। अधिक जानकारी के लिये अपने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से सम्पर्क करें।