मेहनतकश हाथों को शासन की योजनाओं का संबल मिलने से जीवन की राह आसान हो जाती है। मनरेगा से कुंआ निर्माण तथा क्रेडा से सोलर पंप का दोहरा लाभ मिलने से वर्षा जल से निर्भरता कम हुआ और दो फसली खेती कर श्री सोनसाय अब प्रगतिशील किसान बन गया है।
जनपद पंचायत उदयपुर से करीब 40 किलोमीटर दूर पहाड़ी से घिरा ग्राम पंचायत बकोई निवासी सोन साय अपने पुश्तैनी जमीन पर वर्षा जल के सहारे धान की खेती कर जीवन यापन कर रहे थे। सोनसाय ने अपने खेत में कूप निर्माण के लिए विगत वर्ष आवेदन किया था जिसके फलस्वरूप उसे मनरेगा में 2 लाख 3 हजार की लागत से कूप निर्माण कराया था। कूप निर्माण से सोन साय को पेयजल, सिंचाई के साधन और रोजमर्रा की जरूरतों के लिए कूप निर्माण कराया जो 1 वर्ष में बनकर तैयार हो गया। अब पेयजल के लिए उन्हें बाहर नहीं जाना पड़ता। खेत एवं बाड़ी में सिंचाई के लिए उन्हें क्रेड़ा से सब्सिडी में सोलर पंप की सुविधा मिल गई है। इससे श्री सोन साय अब धान के साथ सब्जी की खेती भी कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत बकोई दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में स्थित होने के कारण वहां पानी की किल्लत है। गर्मी के समय हैंडपम्प, तालाब आदि का पानी कम हो जाता है। सिंचाई का कोई साधन न होने से धान का फसल अच्छे से नहीं हो पाता है। पानी के लिए वर्षा पर निर्भर रहना पड़ता था। मनरेगा लोगों को उनके गांव में रोजगार उपलब्ध कराकर उन्हें आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान कर रहा है। इसके साथ ही हितग्राही मूलक परिसंपत्तियों का निर्माण कर लोगों को आजीविका के अवसर प्रदान कर रहा है।