हल्दी की खेती
हल्दी की खेती

म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन श्योपुर के संकुल बरगंवा का ग्राम दुबड़ी जिले से 80 किलोमीटर दूर स्थित 65 परिवारों की बस्ती वाले दुबडी ग्राम के अधिकतर लोगो की आजीविका कृषि केन्द्रित हैं तथा यहॉ प्रत्येक परिवार के पास 05 से 10 बीघा तक कृषि भूमि है। जब यहॉ कार्य प्रारम्भ किया। साथ ही लोग केवल परम्परागत फसल लेने के लिए ग्रामवासियों द्वारा कदम उठाये जा रहे है। जिसके कारण हल्दी के रंग जैसा किसानों का जीवन निखर कर अपने परिवार की गाडी चलाने में सक्षम बन रहे है।

जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल के ग्राम दुबडी के किसान  मानसिंह पुत्र कालू, जबरा पुत्र दीत्या पटेलिया प्रारंभ में मजदूरी कर अपने परिवार की गाडी चलाने में मायूस हो रहे थे। इस क्षेत्र के किसानों को कलेक्टर राकेश कुमार श्रीवास्तव की पहल पर उन्नत खेती एवं प्रशिक्षण दिलाने की दिशा में ग्राम दुबडी के किसान श्री मानसिंह पुत्र श्री कालू, श्री जबरा पुत्र दीत्या पटेलिया का भी प्रशिक्षण 40 किसानो के साथ झासी में पूरा किया गया। इस प्रशिक्षण से किसान काफी उत्साहित थे। साथ ही हल्दी उत्पादन की ओर अग्रसर हुए।

आदिवासी विकासखण्ड कराहल के क्षेत्र के ग्राम दुबडी के किसान मानसिंह पुत्र कालू, जबरा पुत्र दीत्या पटेलिया ने संयुक्त रूप से बताया कि हमारी 10-10 बीघा भूमि में काम चलाऊ गुजारा हो जाता था लेकिन परियेाजना के मार्गदर्शन में हमारे द्वारा हल्दी उत्पादन एवं सब्जी उत्पादन को अपनाया गया और बेहतर आमदनी हो रही है। हम दोनो ने क्रमश: 60-60 हजार रूपये की आय प्राप्त हो रही है।

जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल के ग्राम दुबडी के निवासी किसान श्री मानसिंह पुत्र श्री कालू, श्री जबरा पुत्र श्री दीत्या पटेलिया ने बताया कि हल्दी उत्पादन की खेती करने से क्रमश: साढे सात-साढे सात क्विटल हल्दी की पैदावार हुई है। कोरोना काल में अच्छी पैदावार ली जाकर उसे उचित मूल्य बाजार मे दिलाने की दिशा में कदम उठाये जा रहे है। हल्दी की बम्फर पैदावार के लिए मप्र सरकार, जिला प्रशासन और आजीविका मिशन के आभारी है।