छत्तीसगढ़ के ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्रकुमार के मार्गदर्शन में अब ग्रामोद्योग के उत्पाद राष्ट्रीय स्तर पर बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे। मंत्री गुरु रूद्रकुमार ने विभागीय कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य शासन की मंशा के अनुरूप ग्रामोद्योग की सामग्रियों को राष्ट्रीय स्तर पर बाजार उपलब्ध कराने हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में ग्रामोद्योग विभाग के छत्तीसगढ़ राज्य हथकरघा संघ और छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड द्वारा ट्रायबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (ट्रायफेड) के साथ एमओयू किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे छत्तीसगढ़ के प्राकृतिक उत्पाद को राष्ट्रीय स्तर पर बाजार उपलब्ध होगा और प्रदेश के अनुसूचित जाति एवं जनजाति के बुनकरों तथा हस्तशिल्पियों को नियमित रोजगार भी मिलेगा।
ग्रामोदय संचालक सुधाकर खलखो ने बताया कि भारत सरकार के उपक्रम ट्रायफेड द्वारा देश के अनुसूचित जाति एवं जनजाति बुनकरों तथा हस्तशिल्पियों द्वारा उत्पादित सामग्रियों की बिक्री राष्ट्रीय स्तर पर देश के सभी प्रमुख शहरों में स्थित ट्राइब्स ऑफ इंडिया शो रूम में की जाती है। उन्होंने बताया कि ट्रायफेड के इन शो रूम में अन्य राज्यों से संग्रहित सामग्री का विक्रय किया जाता है। साथ ही उक्त शो रूमों के माध्यम से छत्तीसगढ़ के हाथकरघा उत्पाद जैसे कोसा एवं काटन वस्त्र (साड़ी, सलवार सूट, जैकेट, चादर, टावेल, रेडीमेड गारमेंट्स इत्यादि) एवं हस्तशिल्प उत्पाद (बेलमेटल, टेराकोटा,लौह शिल्प, बैंबू क्राफ्ट, नैसर्गिक खाद, जड़ी-बूटियों से निर्मित काढ़ा, हल्दी, मिर्च, मसाला इत्यादि) के लिए नया बाजार उपलब्ध होगा।
छत्तीसगढ़ के हस्तकला उत्पाद पूर्णत: प्राकृतिक है जो स्वास्थ्य की दृष्टि से उत्तम भी है। छत्तीसगढ़ के प्राकृतिक उत्पाद को ट्रायफेड के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर बाजार मिलने से जहां छत्तीसगढ़ की कला-संस्कृति और उत्पाद देश के कोने-कोने तक पहुंचेगीं, वहीं इनके विक्रय होने से अनुसूचित जाति एवं जनजाति बुनकरों व हस्तशिल्पियों की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी।