मुर्गी पालन कर महिलाएं बनी स्वावलंबी
मुर्गी पालन कर महिलाएं बनी स्वावलंबी

जशपुर जिले के गोठान में स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए सार्थक प्रयास किया जा रहा है। आजीविका से निरंतर जोड़ा जा रहा हैं स महिलाएं  खाद बनाने के साथ ही बकरी पालन  ,गाय पालन ,और मुर्गी पालन  कर रही है। कलेक्टर श्री महादेव कावरे के सार्थक प्रयास से  स्व सहायता समूह की महिलाएं आगे बढ़ रही हैं। पशुपालन विभाग के उप  संचालक  डॉ श्री जी एस एस  तंवर ने बताया कि पशुपालन विभाग द्वारा बैक यार्ड कुक्र्कुट इकाई का वितरण किया गया है। जिले के फरसाबहार विकासखंड के आदर्श गोठान बोकी में शान्ति स्वसहायता समूह के 10 महिलाओं को 10 इकाई बैकयार्ड कुक्कुट दिया गया है।

प्रत्येक इकाई की लागत 3000 है । जिसमें 2700 विभागीय अनुदान एवं 300 हितग्राही अंशदान के रूप में होता है। प्रत्येक इकाई में 1 माह के 45 चूजे एवं 10 किग्रा दाना आवश्यक दवाई दिया जाता है।यह चूजे शासकीय फार्म में उत्पन्न कर एक माह तक उसका पालन किया जाता है।जिसके तहत संपूर्ण टीकाकरण कृमि नाशक दवा पान करा कर वितरण किया जाता है।यह चूजा 3 माह में 1 किग्रा से 1.5 किग्रा वजन का हो जाता है। जिसमें समूह की महिलाएं 3 माह पालन कर रुपए 8000-10000 दस हजार तक आर्थिक लाभ अर्जित कर सकती है। समूह में 10 महिलाएं काम करती है । इनमें समूह की अध्यक्ष श्रीमती झरोखा ने जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि पशुपालन विभाग द्वारा शान्ती समूह को चूजे उपलब्ध कराया गया । समूह की महिलाएं मुर्गी पालन से आर्थिक आमदनी अर्जित कर रही है। और अपने परिवार को सहायता करती है।