आज के दौर में मुर्गी पालन एक सफल व्यवसाय माना जाता है। क्योंकि इसे छोटे पैमाने पर शुरू कर बड़े पैमाने तक विस्तारित किया जा सकता है। थोड़ी सी सावधानी से ही मुर्गी पालन में जबरदस्त मुनाफा कमाया जा सकता है। आजकल कई राज्य सरकारें भी इसके व्यवसाय को बढ़ावा देने कई योजनाएं चला रही हैं। वहीं बैंकों में इसके लिए आसानी से लोन भी मिल जाते हैं। तो चलिए आज हम बात करते हैं मुर्गी पालन के बारे में…
मुर्गी पालन यानी पोल्ट्री बिजनेस को लेकर एक रिसर्च का दावा है कि ये 15 प्रतिशत ग्रोथ रेट के साथ लगातार आगे बढ़ रहा है। इसलिए इसकी संभावनाएं भी लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। बस थोड़ी सी मेहनत, लगन और भरपूर बिजनेस।
स्थान की आवश्यकता
वैसे तो मुर्गी पालन इस पर ज्यादा निर्भर करता है आप कितनी पैमाने पर इसका व्यवसाय शुरू कर रहे हैं। बड़े पैमाने पर जगह की आवश्यकता भी बड़ी होगी। लेकिन यदि आप छोटे पैमाने पर इसकी शुरूआत कर रहे हैं तो 100 मुर्गियों के लिए आपको 100 से 200 वर्गफीट की जगह भी पर्याप्त है। क्योंकि एक मुर्गी के लिए औसतन 1 से डेढ़ वर्गफीट जगह पर्याप्त होती है।
हवादार और सुरक्षित भवन
मुर्गी पालन के लिए हवादार और सुरक्षित भवन की आवश्यता होती है। क्योंकि स्वच्छ हवा में चूजों का विकास अच्छा और स्वस्थ होता है। वहीं आसपास किसी प्रकार का जंगल ना हो, इसका ध्यान रखें। इससे चूजों को खतरा बना रहता है। क्योंकि चूजे काफी छोटे होते हैं, इसलिए जानवरों से इन्हें बचाकर रखना बेहद जरूरी है।
नमी न हो
जिस जगह पर आप मुर्गी पालन का व्यवसाय करने वाले हैं, तो इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि वहां आसपास या जमीन पर नमी बिल्कुल ना हो। इससे चूजों का नुकसान होता है।
पीने का पानी
मुर्गियों के लिए पीने के पानी का खास ध्यान रखें। अच्छा होगा यदि आपके पास स्वयं का बोरवेल या कुआं हो।
परिवहन की सुविधा
मुर्गी पालन ऐसे स्थान पर करें जहां से आपको बाजार आसानी से मिल सके। खासकर, मेन रोड से जुड़े स्थान पर इसका व्यवसाय करें तो परिवहन की सुविधा आसानी से मिल जाएगी और व्यवसाय बढ़ते जाएगा।
अच्छे कुक्कुट पालन केंद्र से ही खरीदें चूजे
हमेशा इस बात का ध्यान रकें कि आप पोल्ट्री बिजनेस के लिए जिस जगह से चूजे खरीद रहे हैं वहां अच्छे चूजे मिलते हों, कहीं ऐसा ना हो कि जल्दबाजी में आप कोई भी चूजा खरीद लें और आपको इससे नुकसान उठाना पड़े। क्योंकि एक चूजे को बड़ा होने में एक से डेढ़ महीना या दो महीना भी लग सकता है।
साफ-सफाई का रखें ध्यान
मुर्गियों के स्वस्थ विकास के लिए साफ-सफाई और हवादार वातावरण सबसे जरूरी है। इससे मुर्गियों का विकास अच्छा होता है। खाना अंधेरे में नहीं देना चाहिए, क्योंकि मुर्गियां खाना अंधेरे में नहीं खाती है। इसलिए रात में खाना देने से बचे।
तापमान
चूजों के विकास के लिए कमरे का तापमान औसत 35 डिग्री के आसपास रहे, इसका ध्यान देना जरूरी है। बार-बार चूजों को हाथ लगाने से भी बचना चाहिए, इससे वे डर जाते हैं और विकास प्रभावित हो सकता है।
प्रजाति
मुर्गियों की भी कई प्रजातियों का व्यवसाय किया जाता है। लेकिन देशी और आजकल कड़कनाथ मुर्गे की मांग बाजार में ज्यादा है। इसलिए इसका व्यवसाय करें तो ज्यादा मुनाफा मिलेगा। देशी मुर्गा का व्यापार करे तो आपको ना केवल अधिक लाभ होगा अपितु आपको कम ख्याल भी रखना होगा।
दाना
चूजों के विकास के लिए यह आवश्यक है कि उन्हें प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर भोजन दें। साथ ही खाना और पानी के बर्तनों में स्वच्छता का खास ध्यान रखें।