उमरिया जिले के आदिवासी ग्रामीण अंचल में मुनगा की पत्तियों का उपयोग कोई नही जानता था। गत वर्ष विकासखण्ड पाली के ग्राम औढ़ेरा में पुराने मुनगा पेडो की पत्तियां एकत्रित करने का कार्य स्व सहायता समूह के सदस्यों द्वारा किया गया। मुनगा पत्तीयों को बाजार में बेचने से समूह सदस्यों को आय प्राप्त होने लगी। पडोसी ग्रामों से इन पत्तीयों का संग्रहण कर इसे बाजार में विक्रय किया जाता है। मुनगा पत्तीयों से लाभ मिलने से पाली विकासखण्ड के 05 ग्राम मालाचुआ, औढ़ेरा, चंदनिया, बडवाही, हथपुरा, विकासखण्ड – मानपुर के 04 ग्राम कछराटोला, करौंदीटोला, डोंगरगवां, सलैया-13 एवं विकासखण्ड- करकेली के 04 ग्राम उजान, कनेरी, कुठुलिया, लखनौटी पुराने पेड़ों की मुनगा पत्तीयों का संग्रहण कर स्व सहायता समूह सदस्यों के द्वारा विक्रय किया जा रहा है। मुनगा की पत्ती 70 रूपये प्रति किलोग्राम की दर से बेची जाती है। इस वर्ष 16 टन मुनगा पत्तीयों का विक्रय मैकल प्रोड्यूसर कम्पनी को किया गया है। जिससे स्व सहायता समूह सदस्यों को 11.20 लाख रूपये की आय अर्जित हुई है।
मुनगा की पत्तीयों से समुचित आय प्राप्त होने से इस वर्ष रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत जिले में 35000 मुनगा पौधे रोपित किये गये है। मुनगा पौधे तैयार करने के लिये विकासखण्ड मानपुर के ग्राम कछराटोला में कुमकुम स्व सहायता समूह एवं करकेली के ग्राम डबरौहा में रानी स्व सहायता समूहों के द्वारा शासकीय नर्सरी तैयार कराई गई तथा ग्राम करौंदीटोला में दुर्गा स्व सहायता समूह के द्वारा स्वयं के खेत से नर्सरी तैयार कर इनमें मुनगा के पौधे तैयार किये गये है। तैयार पौधों से अगले वर्ष मुनगा पत्तीयां विक्रय करने हेतु उपलब्ध होगी।
मुनगा पत्ती को खाने में प्रयोग किया जाता है। इसके सेवन से आयरन तत्व की कमी दूर होती है। गर्भवती महिलाओं को मुनगा पत्तीयों को भोजन के साथ खिलाया जाता है। सूखी मुनगा की पत्तियों से पुडी, सब्जी, दाल, मंगोडे, आदि में मिलाकर खाने से पौष्टिक आहार प्राप्त होता है। ताजी मुनगा की पत्तियों से जूस बनाकर पीना लाभदायक होता है।
एक जिला एक उत्पाद – महुआ,
जिले के डिस्ट्रिक्ट एक्सपोर्ट एक्सन प्लान को रूपरेखा तहत तैयार किया जायेगा एवं उसको क्रियान्वित किया जायेगा। जिले में महुआ के लिए 03 सीएफसी केन्द्र की स्थापना कर दी गई है। विकासखण्ड मानपुर के ग्राम करौंदीटोला एवं गुरूवाही में ब्थ्ब् केन्द्र प्रारंभ किये गये है। वन चेतना केन्द्र ताला में ब्थ्ब् बनाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। एकता स्व-सहायता समूह करौंदीटोला विकासखण्ड मानपुर द्वारा महुआ लड्डू, महुआ बेकरी, कैंडी और महुआ शेक का उत्पादन किया जा रहा है। उत्पाद को पंजीकृत किया गया है। जिले के विकासखण्ड मानपुर एवं पाली में महुआ फूल का संग्रहण किया जाता है। प्रति वर्ष 1715 टन से अधिक महुआ संग्रहण किया जाता है यवन विभाग की जानकारी अनुसारद्ध। ग्राम स्तर पर महुआ संग्रहण की व्यवस्था नही होने के कारण इसे स्थानीय व्यापारियों को कम दाम में बेचना पड़ता है। उच्च गुणवत्ता युक्त महुआ फूल प्राप्त करने के लिए नेट के माध्यम से इसका संग्रहण किया जावेगा। विकासखण्ड मानपुर के ग्राम गुरूवाही में लक्ष्मी स्व सहायता समूह के माध्यम से महुआ भंडारण एवं प्रसंस्करण का कार्य 01 नवम्बर 2021 को कार्य संचालन किया जा रहा है। ग्राम ताला में वन चेतना केन्द्र मे स्व सहायता समूह के माध्यम से महुआ प्रसंस्करण कार्य प्रक्रिया अंतर्गत है।