किसी भी पौधों के उत्पादन और वृद्धि के लिए सबसे जरूरी होती है मिट्टी। फसल चाहे जैसी भी हो यदि मिट्टी की गुणवत्ता में कोई कमी रह जाए तो फसलों का उत्पादन प्रभावित हो जाता है। इसलिए मिट्टी की गुणवत्ता का खासा ध्यान रखना जरूरी है। मृदा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए जरूरी है कि समय-समय में मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों की जांच कराते रहें।

मिट्टी की उर्वरता शक्ति को बनाए रखने के लिए संतुलित पोषण की मुख्य भूमिका है। पोषक तत्वों जैसे, लौह, जिंक, कापर की उचित मात्रा के प्रयोग से फसल को फायदा होता है। इसके अलावा पोटाश, गंधक समेत सूक्ष्म पोषक तत्वों का भी आवश्यकतानुसार प्रयोग कर सकते हैं।

जैविक खाद का प्रयोग
मिट्टी के पोषक तत्व बनाए रखने के लिए आप जैविक खाद का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करें। ताकि मिट्टी की उर्वरा शक्ति बरकरार रह सके।

फसल चक्र का प्रयोग
किसान भाई मिट्टी के पोषक तत्व को बनाए रखने के लिए फसल चक्र का प्रयोग भी करते रहें। जैसे खेत में दलहनी फसलों को भी उगाएं।

गहरी के बाद उथली जड़ों वाली फसल का प्रयोग
मिट्टी की उर्वरा शक्ति बनाए रखने के लिए किसान भाई खेत में गहरी जड़ों वाली फसल के बाद उथली जड़ों वाली फसल की खेती करें। इसके साथ ही अधिक पानी वाली फसल करने के बाद कम पानी वाली फसलों को लगाएं।