औषधि एवं सुगंधित पौधों की खेती
औषधि एवं सुगंधित पौधों की खेती

आत्म निर्भर मध्यप्रदेश की परिकल्पना को साकार करने हेतु जिला प्रशासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाली महिलाओ का कौशल उन्नयन कर उन्हें आर्थिक एवं सामाजिक रूप से आत्म निर्भर बनाने का कार्य किया जा रहा है। इस कार्य में ग्रामीण आजीविका मिशन , कृषि विज्ञान केंद्र तथा ट्रेडिशनल आर्गेनिक फार्मर मैकल प्रोड्यूसर कंपनी शहडोल का सहयोग लिया जा रहा है।

ग्रामीण आजीविकास मिशन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में गठित स्व सहायता समूहों की महिलाओं को हुनरमंद बनाने हेतु ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान उमरिया द्वारा पाली जनपद पंचायत के ग्राम मालाचुआ , हथपुरा, पनवारी तथा औढेरा ग्राम में गठित 35 स्व सहायता समूह की महिलाओ को औषधि एवं सुगंधित पौधो की खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें इन पौधो के पत्तियों एवं फलो के द्वारा बनाए जाने वाले उत्पाद की प्रोसेसिंग एवं मार्केटिंग सिखाई जा रही है।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अंशुल गुप्ता ने बताया कि इन ग्रामों में मुनगा, आंवला, कैकी, लेवन ग्रास तथा तुलसी बहुतायत मे पाए जाते है तथा इन क्षेत्रों में इनका उत्पादन की विपुल संभावनाएं है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। महिलाओं को मुनगा के पत्तो एवं तुलसी से हर्वल चाय जिसकी बाजार में काफी मांग है , तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।