किसानों के खेतों में महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत कुंआ खोदने की स्वीकृति दी जाती है। बीजापुर जिले के उसूर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम ईलमिड़ी के किसान श्री चापा सत्यम के पास जमीन तो थी पर सिंचाई का साधन नहीं होने के कारण उन्हें अपने परिवार के साथ महात्मा गांधी नरेगा में मजदूरी करने के साथ यहां-वहां रोजगार की तलाश रहती थी। एक दिन चापा सत्यम को ग्राम पंचायत की बैठक में पता चला कि महात्मा गांधी नरेगा योजना से कुंआ भी स्वीकृत होता है। इन्होंने अपने परिवार के साथ सलाह-मशवरा कर कुंआ निर्माण संबंधी आवश्यक दस्तावेज ग्राम पंचायत में जमा कर दिया। जल्द ही जिला पंचायत से स्वीकृति भी प्राप्त हो गयी। जैसे ही यह जानकारी श्री चापा सत्यम को मिली उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। उसने अपने निजी भूमि में कूप निर्माण का कार्य प्रारंभ करवा दिया। कुंआ खुदाई करते हुए महज 20 फीट की खुदाई में पानी भी निकल आया। पानी को देख सत्यम का परिवार भी काफी खुश हो गया, क्योंकि खेतों के लिए सिंचाई का साधन नजर आने लगा। चापा सत्यम ने अपने सपने को साकार करने के लिए 13 माह के भीतर कूप निर्माण का कार्य पूरा कर लिया। सत्यम की जो सबसे बड़ी समस्या थी वह अब हल हो गई थी, अब वह इस जमीन पर फसल लगाकर अतिरिक्त आमदनी करना चाहता था। इसके लिए सत्यम ने अपने एक एकड़ भूमि में सब्जी उत्पादन करने का फैसला लिया। देर ना करते हुए सत्यम ने आलू, गोभी, बैंगन, लौकी, टमाटर, मटर एवं पालक व लालभाजी की बुआई कर दी। सिंचाई साधन हो जाने के कारण साग-सब्जियों से सत्यम को नियमित आय हो रही है। सत्यम के द्वारा इस जमीन पर रबी एवं खरीफ दोनों ऋतुओं में सब्जी एवं अन्य फसलों का उत्पादन कर विक्रय किया जा रहा है। जिससे प्रति माह में 10 से 20 हजार रुपए की आमदनी हो रही है। सत्यम महात्मा गांधी नरेगा से बने कुएं की सहायता से नियमित आमदनी कमा रहे हैं। सत्यम ने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा योजना से कुआं निर्माण होने के कारण हमारी आय में वृद्धि हुई है और हम अपने परिवार के साथ खुशहाली से जीवन-यापन कर रहे हैं।