जहां चाह वहां राह की तर्ज पर बिहान से जुड़ी महिलाओं के आर्थिक गतिविधियों का क्रम निरंतर जारी है। महिलाओं का स्वप्रेरित संगठन जो पहले आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण स्थापित नहीं हो रहा था वह अब बिहान की मदद से एक स्थापित स्वरोजगार स्थापित कर चुका है। महिलाओं के आत्म निर्भर होने की यह पूरी कहानी कोरिया जिले के विकासखंड बैकुन्ठपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत मझगवां में वंदना महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़ी है। यहां रहने वाली सामान्य सी गृहणी श्रीमती किरण गुप्ता और श्रीमती कमला ने बीस साल पहले आस पड़ोस की दस महिलाओ को जोड़कर आपस में मिलकर एक समूह बनाने का निर्णय लिया। स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत वर्ष 2000 में इन सबने मिलकर एक समूह बनाकर आपस में सहयोग करना प्रारंभ किया। संगठित होने के बाद इस समूह में अध्यक्ष पद श्रीमती किरण गुप्ता ने और सचिव का दायित्व श्रीमती कमला ने सम्हाला। आपस में छोटे छोटे लेन देन करके अपने समूह को खड़ा करने के बाद वर्ष 2003 में वंदना महिला स्व सहायता समूह को डेढ़ लाख रूपए का एक ऋण प्राप्त हुआ। बैंक से ऋण मिलने के बाद इस समूह द्वारा एक छोटी सी यूनिट बनाकर भोजन में इस्तेमाल होने वाले मसाला निर्माण को बनाने और बेचने का कार्य प्रारंभ किया गया। उत्पादों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए इन उत्पादों का खाद्य विभाग में स्नस्स््रढ्ढ पंजीयन भी करवाया गया है। समूह द्वारा प्रति माह 10 से 12 क्ंिवटल मसाला का उत्पादन किया जाता है साथ ही इसकी पैकिंग की जाती है। समूह को इस उद्योग से प्रतिमाह 25 हजार रूपए से ज्यादा का लाभ प्राप्त होने लगा है।

समूह की अध्यक्ष बतलाती हैं कि शुरूवात में इस कार्य का अधिक अनुभव ना होने के कारण बाजार में अपने उत्पाद को विक्रय करने में काफी परेषानी का सामना करना पड़ा।  ग्राहकों पर अपने उत्पाद का विष्वास बनाने में समूह के सदस्यों को बहुत मेहनत करनी पड़ी। लेकिन चुनौतियों को आगे बढ़कर सामना करने वाले इस समूह ने धीरे धीरे अपने काम की पहचान बनाई। तीन चार साल की मेहनत के बाद इनके स्वरोजगार से इन्हे लाभ मिलने लगा। समूह के सदस्यों ने बताया कि वर्ष 2018 में समूह को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिषन(बिहान) के अंतर्गत पंजीकृत किया गया। बिहान अंतर्गत समूह को पंजीकृत किए जाने के बाद समूह को अनुदान के रूप में आर्थिक सहायता राषि प्रदान की गई जिससे समूह ने उद्योग के कार्य को आगे बढाते हुए मसाला के साथ-साथ अन्य उत्पादों जैसे गेंहु आटा, अचार, चिप्स, बेसन बनाने और विक्रय करने काम भी प्रारंभ किया। समूह के सदस्यों के द्वारा इन उत्पादों की पैकिंग स्वयं की जाती है। विकासखंड मुख्यालय से महज 10 किलो मीटर की दूरी पर यह उद्योग संचालित है तथा समूह के उत्पादों की मांग अब ना केवल बैकुन्ठपुर बल्कि जिला कोरिया के अन्य विकासखंड में भी की जाती है, जिले के अधिकांष व्यापारियों द्वारा समूह के इन उत्पादों को थोक में खरीद लिया जाता है। बिहान योजना से पंजीकृत होने के साथ ही समूह द्वारा बिहान कोरिया मार्ट का संचालन करते हुए इन उत्पादों को आदिवासी विभाग के तहत संचालित छात्रावास एवं आश्रम में सप्लाई किया जाता है। साथ ही स्कूल षिक्षा विभाग के द्वारा स्कूलों में बच्चों हेतु संचालित मध्यान भोजन तैयार करने हेतु भी वंदना महिला स्व सहायता समूह की सामग्री प्रदान की जाने लगी। समूह की महिलाओं ने बताया कि उत्पाद की मांग अधिक होने पर समूह के सदस्यों के द्वारा इन उत्पादों की घर पहुंच सेवा भी दी जाती है। समय-समय पर राज्य एवं संभाग स्तरीय सरस मेला एवं जिला स्तरीय विभिन्न कार्यक्रम में भी इस समूह के द्वारा अपने उत्पादों का स्टॉल लगाया जाता है। बिहान से जुड़कर अब इस समूह को एक स्थायी आजीविका का साधन मिल गया है।