जीवन में अगर हौसला हो और उस पर कुछ करने का मौका मिले तो शारीरिक कमजोरी भी कभी आड़े नहीं आती। हौसलों की उड़ान इतनी मजबूत होती है कि विपरीत परिस्थितियों में भी आगे बढऩे की राह मिल ही जाती है। ऐसी ही अपने कमजोरियों से ऊपर उठते हुए अपने परिवार को साथ लेकर आगे बढऩे की मिसाल कबीरधाम जिले के तितरी गांव के निवासी दिव्यांग बंशीलाल मरकाम पिता फागूराम मरकाम ने कायम की है।
कबीरधाम जिले के बोड़ला विकासखण्ड का वनांचल गांव तितरी जिला मुख्यालय से लगभग 65 किमी की दूरी पर स्थित है। शासकीय योजनाओं के बेहतर प्रबंधन का ही नतीजा है कि समाज का प्रत्येक वर्ग इससे सीधे लाभान्वित हो रहा है। दिव्यांग बंशीलाल मरकाम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत चालू वित्तीय वर्ष में 116 दिवस का रोजगार पूर्ण कर अपनी आजीविका कमा रहे हैं। अपने दोनो पैरों से 80 प्रतिशत दिव्यांग श्री बंशीलाल मरकाम सामान्य व्यक्तियों की तरह चल-फिर नहीं सकते लेकिन काम करने का ऐसा जज्बा है जो सभी को प्रेरणा देता है। बंशीलाल और उनका परिवार मनरेगा में पंजीकृत है। तीन बच्चे और पत्नी के भरण पोषण की जिम्मेदारी बंशीलाल के कन्धो पर हैं, लेकिन शारिरीक कमजोरी कभी इसके आड़े नहीं आई। तितरी गांव में होने वाले निजी डबरी कार्य हो या फिर अन्य कार्य बंशीलाल गोदी खोदते हुए सभी ग्रामीणों के साथ देखे जा सकते है। यहीं कारण है कि महात्मा गांधी नरेगा योजना से इसके परिवार को अब तक 116 दिवस का रोजगार मिल गया है और स्वयं बंशीलाल के द्वारा 56 दिवस का कार्य किया गया है। कार्य करने के एवज में बंशीलाल के परिवार को लगभग 22 हजार रूपए का मजदूरी भुगतान इनके बैंक खाते में गया है। भारतीय स्टेट बैंक शाखा रेंगाखार में हुआ मजदूरी भुगतान बंशीलाल के लिए बहुत मददगार सिद्ध हुआ है।
बंशीलाल बताते है कि मैं हमेशा से रोजगार गारंटी योजना में काम करता रहा हूं। गांव में ही रोजगार मिलना मेरे लिए बहुत खुशी का विषय रहा है। मैं अपने पत्नी के साथ गोदी खनता हूं और मेरी पत्नी मिटटी को फेकती है। हम दोनों अपनी जोड़ी में काम करते है। समस्या के बावजूद भी रोजगार गारंटी योजना से मुझे निरन्तर काम मिलता रहा है यहीं कारण है कि मैं अभी तक अपने परिवार के साथ मिलकर 100 दिवस से अधिक का रोजगार कर लिया हूं। बंशीलाल कहते है कि तालाब गहरीकरण काम में, भूमि सुधार कार्य में, निजी डबरी के काम में मैने गोदी खोदने का काम किया है। ग्राम पंचायत द्वारा कार्यो में मुझे सुविधाजनक कार्य करने का अवसर दिया जाता रहा है, लेकिन मैंने अपने शारीरिक तकलीफों को कभी काम के आड़े नहीं आने दिया। मनरेगा से हमारी आवश्यक जरूरतें पूरी हो जाती है। मेरी योजना है कि सब्जी का व्यवसाय शुरू करूं और आगे बढूं़। तितरी के ग्राम रोजगार सहायक श्री अशोक पटले बताते है कि श्री बंशीलाल के पास एक एकड़ भूमि है। वह अपने खेत मे काम करते हैं और रोजगार गारंटी योजना के काम से उन्हें सहायता मिल जाती है। गांव में बंशीलाल के समान और दिव्यांगजन जिन्हें निरन्तर रोजगार दिया जा रहा है। मनरेगा से गांव के दिव्यांगजनों को बहुत फायदा हो रहा है।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कबीरधाम विजय दयाराम के. ने बताया कि जिले में मैदानी क्षेत्र से लेकर वनांचल क्षेत्र तक रोजगार गारंटी योजना से चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 3377 दिव्यांगजनों को लाभान्वित किया गया है। जिसमें जनपद पंचायत कवर्धा क्षेत्र मे 365, जनपद पंचायत बोड़ला क्षेत्र में 867, जनपद पंचायत पण्डरिया क्षेत्र में 1318 एवं जनपद पंचायत स.लोहारा में 827 को रोजगार का अवसर प्राप्त हो चुका है। इसमें से बहुत से परिवार को 100 दिवस का रोजगार भी मिला है। 3377 दिव्यांगजनों को अब तक 89 हजार 8 सौ 98 मानव दिवस का रोजगार प्रदान किया गया है। ग्रामीणों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध हो इसके लिए 352 पंचायतों में 853 कार्य प्रगति पर है साथ ही ग्रामीणों की मांग पर कार्य प्रारंभ किया जाता हैं।