मधुमक्खी पालन करने के इच्छुक किसानों के लिए खुशखबरी है। शासन से जिले को पहली बार 50 हनी बी कॉलोनी का लक्ष्य मिला है। इसके लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजनांतर्गत किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान उद्यान विभाग से मिलेगा। मधुमक्खी पालन के लिए विभाग द्वारा पहले पात्र किसानों का चयन किया जायेगा। इसके बाद उन्हें इससे संबंधित प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। विभागीय अधिकारियों का दावा है कि इस व्यवसाय से किसानों को प्रति पेटी से वर्ष भर में कम से कम 10 हजार रुपये की बचत होगी। किसानों को इसके लिए आर्थिक व्यय भी अधिक नहीं करना है।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत मधुमक्खी पालन को एक व्यवसाय का रूप देने का कार्यक्रम है। किसानों को अब तक जहां जिले में फसलों, बगीचों, फूल उत्पादन सहित मत्स्य, बकरी, कुक्ड पालन, शूकर व भैंस पालन के लिए अनुदान मिलता था। वहीं अब मधुमक्खी पालन के लिए भी 50 प्रतिशत अनुदान देने का निर्णय है। इससे जहां किसानों को अच्छी बचत मिलेगी, वहीं औषधि सहित अन्य कार्यों में प्रयुक्त होने वाली बेशकीमती शहद के संरक्षण की भी योजना तैयार की गयी है। इससे लुप्त हो रही मधुमक्खी प्रजाति को भी बढ़ावा मिलेगा।
योजना की अधिक जानकारी के लिए – http://www.rsldb.nic.in/index.html