मत्स्य विभाग अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों के तहत जिले के किसान मछली पालन कर अधिक लाभ प्राप्त कर रहे हैं। ऐसे ही हितग्राही हैं होशंगाबाद के सिवनीमालवा के ग्राम निरखि निवासी जुगल किशोर पटेल। श्री पटेल द्वारा मत्स्य विभाग होशंगाबाद के मार्गदर्शन में अपनी 0.800 हैक्टेयर भूमि पर 50 लाख की लागत से रीसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम के माध्यम से मत्स्य पालन के लिए 8 टैंक निर्माण किए गए।जिसके लिए उन्हें मत्स्य विभाग द्वारा नील क्रांति योजना के तहत 20 लाख रुपए का अनुदान दिया गया। श्री पटेल द्वारा इन 8 टैंको में लगभग 50 हजार फिंगर लिंग पेंगेशियस फिश डाली गई।श्री पटेल ने बताया कि मत्स्य बीज के संचयन के लिए उन्हें कुल 18 लाख रुपए की लागत लगी।
श्री पटेल को 8 माह में 30 टन मत्स्य उत्पादन प्राप्त हुआ। जिसका विक्रय कर उन्हें 36 लाख रुपए की आय प्राप्त हुई। इस तरह उन्हें 18 लाख रुपए का शुद्ध मुनाफा प्राप्त किया। जुगल किशोर पटेल ने बताया कि मछली पालन से वे बहुत अधिक लाभ प्राप्त कर रहें है। उन्होंने बताया कि कम समय में अधिक आय प्राप्त करने का यह अच्छा स्त्रोत है। इसमें जोखिम की संभावना बहुत कम है। वे इस वर्ष भी मत्स्य विभाग के मार्गदर्शन में ज्यादा से ज्यादा मत्स्य उत्पादन प्राप्त करने के प्रयास करेंगे।
सहायक मत्स्य अधिकारी एम काले ने बताया कि जिले में नर्मदा , तवा एवं उनकी सहायक नदियों के मीठे जल तथा अनुकूल परिस्थितियों के चलते जिले में मछली का उत्पादन अच्छी मात्रा में होता है। जिले में वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्राप्त 1700 मी टन के लक्ष्य के विरूद्ध 1800 मीट्रिक टन मछली का उत्पादन हुआ है। उन्होंने बताया कि मत्स्य विभाग द्वारा भी लगातार मत्स्य पालकों को मछली पालन की नई-नई तकनीकों एवं आवश्यक प्रशिक्षण समय-समय पर दिया जा रहा है।जिसका लाभ जिले के मत्स्य पालक उठा रहे हैं।