बीज खेती का मूल आधार
बीज खेती का मूल आधार

खेती-किसानी में बीजों को खास महत्व है। क्योंकि बिना अच्छा बीज का उत्पादन प्रभावित हो सकता है। इसलिए बीजों का चयन करते समय खास सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। क्योंकि उत्तम गुणवत्ता वाला बीज सामान्य बीज की अपेक्षा अधिक कृषि उपज देता है। यानी “प्रमाणित बीज” अच्छी पैदावार का आधार होता है।

इससे अच्छी पैदावार के साथ-साथ समय एवं पैसों की बचत होती है। वहीं दूसरी ओर कम गुणवत्ता वाला बीज बोने से एक ओर उत्पादन तो कम होता ही है और दूसरी ओर भविष्य के लिए अच्छा बीज प्राप्त नहीं होता है। प्रमाणित उत्तम बीज को स्त्रोत के आधार पर निम्न तीन श्रेणियों में रखा गया है। इसमें

1.  प्रजनक बीज : अनुवांशिक शुध्दता का बीज उत्पादन और उनको कृषकों को उपलब्ध होना, उत्तम प्रजनक बीजों के उत्पादन पर निर्भर रहता है,प्रजनक बीज उत्पादन का कार्य भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के नियंत्रण में अनुसंधान केन्द्रों व राज्यों के कृषि विश्व विद्यालयों द्वारा किया जाता है ।

2.    आधार बीज : यह बीज प्रजनक बीज की संतति होती है । जिसे बीज प्रमाणीकरण संस्था की देखरेख में निर्धारित मानकों पर पाये जाने पर प्रमाणित किया जाता है । आधार बीज की थैलियों पर सफेद रंग का प्रमाणीकर टैग (लेबिल) लगा होता है । जिस पर संस्था के अधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर होते है ।

3. प्रमाणित बीज: आधार बीज से द्विगुणन कर प्रमाणित बीज तैयार किया जाता है । जिसे बीज प्रमाणीकरण संस्था द्वारा निर्धारित मानक अनुसार पाये जाने पर प्रमाणित किया जाता है। प्रमाणित बीज की थैलियों पर नीले रंग का प्रमाणीकरण टैग लगा होता है।

खेती-किसानी में बीजों का चयन बड़े ही सावधानीपूर्वक करना चाहिए। खासकर विशेषज्ञों की राय और देखरेख से अच्छी बीजों का चयन फसल उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है।