खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए जिले में जो नवाचार किया जा रहा है उससे किसानो में बहुफसलीय उत्पादन लेने की प्रतिस्पर्धा बड़ी है ओर आर्थिक सबलता की ओर अग्रसर हो रहे है। किसानों की स्थायी अजीविका बढ़ाने के लिए मनरेगा के तहत पौधरोपण का लाभ दिया जा रहा है जिससे फलोद्यान के रकवे में वृद्वि हुई है वही पर्यावरण सुधार में परोक्ष रूप से किसान अपनी-अपनी भूमिका अदा कर रहे हैं। विदिशा विकासखण्ड की ग्राम भटखेडी के कृषक रविशंकर भार्गव ने मनरेगा की योजनाओं का लाभ लेकर फलदार वृक्षारोपण से प्रतिमाह फलोद्यान नीबू, संतरा का दस क्ंिवटल वार्षिक उत्पादन ले रहे है जिसका विक्रय स्थानीय मंडियो में उनके द्वारा कराया जा रहा है। कृषक रविशंकर ने बताया कि फलोद्यान बगीचे में प्याज, लहसुन, सब्जियों का उत्पादन मेरे द्वारा लिया जा रहा है जिससे दोगुना मुनाफा हो रहा है अब प्रतिवर्ष दो से चार लाख की अतिरिक्त आमदनी हो रही है। कृषक श्री भार्गव के फलोद्यान का अन्य कृषक भी समय-समय पर पहुंचकर अवलोकन कर वे उद्यानिकी के ओर अग्रसर हो रहे है।
पोल्ट्री फार्मिंग का पंजीयन पशु पालन विभाग में करवाना आवश्यक
विदिशा के पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक ने बताया कि पोल्ट्री फार्मिग का पंजीयन पशु पालन विभाग में करवाना आवश्यक होगा जिससे इसे व्यवस्थित एवं विकसित किया जा सके एवं आवश्यकता होने पर जानकारी के आधार पर तकनीकी सहायता दी जा सके। इस कारण से किसी भी गतिविधि को नियंत्रित करना तथा लाभान्वित करना संभव हो सकेगा। पोल्ट्री उद्योग को सुरक्षा प्रदान करने तथा विभिन्न गतिविधियों के सुचारू संचालन के लिए वर्तमान में स्थापित तथा नवीन कुक्कुट प्रक्षेत्रध्हेचरी का पंजीयन प्रारम्भ किया गया है जिससे कुक्कुट प्रक्षेत्रध्हेचरी की संख्या का सही आकलन हो सके। इससे भविष्य में लाभकारी नीतियों का निर्धारण एवं अधिक सुरक्षित बनाया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि पंजीयन के लिए निर्धारित प्रारूप में आवेदन करना होगा साथ ही निर्धारित पंजीयन शुल्क भी जमा कराना होगा। उन्होंने बताया कि 500 से अधिक व 1000 तक किसी भी प्रकार के पक्षियों की क्षमता वाले फार्म को 100 रूपये। 1000 से 5000 तक की क्षमता वाले फार्म को 200 रूपये। 5000 से 10 हजार तक की क्षमता वाले फार्म को 500 रूपये एवं 10 हजार से अधिक किसी भी प्रकार के पक्षियों की क्षमता वाले फार्म को 1000 रूपये पंजीयन शुल्क देना होगा। प्रारम्भ में 05 वर्षों के लिए पंजीयन प्रमाण पत्र जारी किया जावेगा बाद में हर 03 वर्ष में नवीनीकरण कराना होगा।