श्योपुर जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल के ग्राम कर्राई, दुबडी, अहिरवानी, सिलपुरी में निवास करने वाले सहरिया परिवारो के लिए बकरीपालन आजीविका का मुख्य साधन बन रहा है। इन गांव के आधे से अधिक परिवार बकरी पालन कर आर्थिक तरक्की पकडने में सहायक बन रहे है।

   जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल के ग्राम कर्राई, दुबडी, अहिरवानी, सिलपुरी में अधिकांश जमीन पथरीली होने के कारण आदिवासी परिवार अपने परिवार की गाडी चलाने में  मायुस हो रहे थे। इन ग्राम पंचायतों के सचिव और सरपंचों द्वारा सहरिया परिवारों को ग्रामसभा में बकरी पालन के लाभ वारे में जानकारी दी। जिस पर से आधे से अधिक सहरिया परिवारों ने बकरी पालन के लिए अपनी सहमति प्रदान की। साथ ही उन्होने संरपच, सचिव की प्रेरणा से समूह बनाकर, चक्रीय क्रम में बकरी पालन का बीडा उठाया। इसके उपरांत सहरिया परिवारों की महिलाओं द्वारा अपने-अपने ग्रामों में स्वसहायता समूह गठित किये।  जिनमें सहरिया परिवारों की 9-9 महिलाओं को शामिल किया गया। इन समूहों को संबंधित ग्राम पंचायत के माध्यम से बकरी पालन के लिये मदद देने के लिए ग्राम पंचायत ठहराव, प्रास्तव पारित किया। आदिवासी विकासखण्ड कराहल के ग्राम कर्राई में आयोजित ग्राम सभा के द्वारा हनुमान स्व सहायता समूह को 39 बकरी प्रदान करनें की मंजूरी दी। इसी प्रकार लक्ष्मी स्व सहायता समूह को भी 47 बकरी एवं 4 बकरों के लिये ग्रामसभा द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई। जिस पर से समूह की महिलाओं ने आपस में पर्ची डालकर प्रथम वर्ष में तीन महिलाओं को 13-13 बकरी एंव दूसरे समूह की महिलाओं को 13-13 बकरी एवं एक-एक बकरे एक वर्ष के लिये देने का निर्णय लिया।

   समूह की महिलाओं द्वारा बकरी पालन की दिशा में अपने प्रयासों को आगे बढाते हुये कई बकरियो के द्वारा दिये गये बच्चो के विक्रय से उनको आय अर्जित करने का साधन प्राप्त हुआ। इस साधन से सहरिया महिलाओं के लिए बकरी पालन वरदान सावित हो रहा है। जिसको कलेक्टर श्री राकेश कुमार श्रीवास्तव द्वारा गति प्रदान की जा रही है। उनकी पहल पर आजीविका मिशन के डीपीएम श्री सोहनकृष्ण मुदगल बकरीपालन के माध्यम से उनकी आजीविका में इजाफा करने की दिशा में आर्थिक तंगी से निजात दिलाने में सहयोग कर रहे है।

  ग्राम दुबडी, सिलपुरी और अहिरवानी के सहरिया परिवार भी कर्राई के परिवारो का अनुश्ररण कर रहे है। उनके द्वारा भी ग्रामीण महिलाओ से सीख लेकर, अपनी आजीविका में सुधार करने के लिए ग्रामसभा के माध्यम से सिरोही नस्ल की 10-10 बकरियॉ एंव 1-1 बकरा प्राप्त किये। इसके उपरांत उनके द्वारा बनाये गये समूह केा ओसतन 10 से 12 बकरे एंव बकरियों  का इजाफा प्राप्त हो गया हैं। जिनकी कीमत 20 से 25 हजार रूपये के बीच आंकी गई हैं। जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल के ग्राम कर्राई, दुबडी, सिलपुरी, अहिरवानी के निवासी क्रमश: श्री सुकूआ आदिवासी, मुकेश, रामसिया, कालू आदिवासी ने बताया कि बकरी पालन से हमारे परिवार तरक्की की ओर आगे बढ रहा है। साथ ही बकरियों से प्राप्त हो रहा दूध बच्चो के स्वास्थ्य के परिवर्तन ला रहा है। बकरी के व्यवसाय से परिवार की गाडी आसानी से चल रही है। जिसका श्रेय मप्र सरकार, जिला प्रशासन और आजीविका मिशन को जाता है।