कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने धमतरी विकासखंड के ग्राम डाही में आज आयोजित किसान चैपाल में शिरकत कर ग्रामीणों को आगामी रबी फसल में फसल चक्र परिवर्तन के संबंध में चर्चा कर उन्हें धान की फसल लेने के बजाय दलहन-तिलहन की खेती करने की समझाइश दी। साथ ही किसानों को दोनों फसलों की तुलनात्मक जानकारी देते हुए रबी फसल के तौर पर गेहूं, चना, सरसों, अलसी जैसी अर्ली वेरायटी की पैदावार लेने के लिए प्रोत्साहित किया।

ग्राम डाही के राजीव गांधी सेवा केन्द्र में आयोजित किसान चैपाल में उपस्थित किसानों से रूबरू होते हुए कलेक्टर ने कहा कि जिले के किसान रबी फसल के तौर पर मुख्यत: धान की ही फसल लेते हैं, जबकि अन्य उतेरा फसल लगाकर भी वे अच्छी खासी आय अर्जित कर सकते हैं। उन्होंने प्रति एकड़ खेत में धान तथा गेहूं-चना की औसत पैदावार के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कृषि विभाग के मैदानी अमले के सतत मार्गदर्शन में दलहन-तिलहन की खेती भी फायदेमंद साबित हो सकती है, बशर्ते किसान सकारात्मक सोच और तकनीकी जानकारी के साथ इसे अपनाएं। गेहूं, चना की पैदावार लेने में धान से काफी कम पानी की जरूरत होती है, वहीं फसल चक्र परिवर्तन से मिट्टी का उपजाऊपन संतुलित बना रहता है। इसके लिए खरीफ और रबी दोनों फसलें अर्ली वेरायटी की ली जानी चाहिए।

इसके पहले, उप संचालक कृषि श्री जीएस कौशल ने कलेक्टर को जानकारी देते हुए बताया कि ग्राम डाही 360 हेक्टेयर कृषि भूमि है, जहां पर 312 हेक्टेयर रकबे में खरीफ तथा 146 हेक्टेयर में रबी फसल ली जाती है। उन्होंने आगे बताया कि उक्त ग्राम में रबी फसल वर्ष  2019-20 में चना 16.88 हेक्टेयर, गेहूं 1.07, तिवड़ा 126, सरसों 01, अलसी 0.16 तथा मटर की पैदावार 1.08 हेक्टेयर रकबे में ली गई थी। इसी प्रकार उक्त फसलों को लेने के लिए रकबे में वृद्धि करते हुए वर्तमान रबी वर्ष में चना 80 हेक्टेयर में, गेहूं 28, तिवड़ा 70, सरसों 20, अलसी 02 तथा मटर की पैदावार 17 हेक्टेयर क्षेत्र में लिए जाने का लक्ष्य ग्राम के 357 किसानों के द्वारा रखा गया है।