किसानों को फसल उत्पादन के दौरान होने वाली आर्थिक समस्याओं को दूर करने एवं फसल की लागत को कम करने के लिए किसानों को सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से विभिन्न फसलों के लिए ऋणमान तय कर दिया गया है। किसानों को खरीफ-रबी फसलों, फलदार वृक्षों, साग-सब्जियों, मसालों एवं उद्यानिकी फसलों की खेती करने के लिए शासन द्वारा लोन प्रदान किया जाएगा। फसल उत्पादन के लिए विभिन्न फसलों के लिए शासन द्वारा प्रदान किए जाने वाले ऋण से किसानों को आर्थिक सहायता मिलेगी। किसानी करने के लिए आसानी से लोन मिल जाने से किसानों को उत्पादन लागत में आर्थिक सहायता मिलेगी। उत्पादन लागत में सरकार द्वारा सहायता मिल जाने से किसानों को खेती-किसानी करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा जिससे किसानों को ज्यादा मुनाफा होगा और निश्चित तौर पर किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। किसानों को ऋण प्रदान करने के लिए समयावधि में साख सीमा पत्रक तैयार कर स्वीकृत करने तथा किसानों को समय पर वित्तीय सहायता सुलभ कराने के लिए सभी पंजीयक सहकारी संस्थाएं, राज्य सहकारी बैंक, ग्रामीण विकास बैंक, कृषि विभाग, सहकारी पंजीयक समितियों एवं सभी राष्ट्रीयकृत बैंको को निर्देश जारी किया गया है। विभिन्न फसलों की खेती करने के लिए ऋण सहित गोधन न्याय योजना अंतर्गत गौठानों में उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट भी किसानों को लोन पर मिलेगा। वर्मी कम्पोस्ट को समितियों के माध्यम से वस्तु ऋण के अंतर्गत निर्धारित ऋणमान में शामिल किया गया है। शासन द्वारा निर्धारित दर पर ही किसानों को वर्मी कम्पोस्ट ऋण के तौर पर दिया जाएगा।
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक कोरबा के नोडल अधिकारी सुशील कुमार जोशी ने बताया कि फसल उत्पादन में किसानों को आर्थिक सहयोग देने के उद्देश्य से ऋण दिए जाएंगे। दिए जाने वाले ऋण में अल्पकालीन एवं मध्यकालीन ऋण शामिल होंगे। खरीफ एवं रबी फसलों के लिए अदायी क्षमता के आधार पर नकद एवं कृषि संबंधी खाद-बीज एवं कृषि यंत्र सामग्री के रूप में ऋण प्रदान की जाएगी। संबंधित फसलों के लिए निर्धारित कुल ऋण में से 60 प्रतिशत नकद राशि के रूप में एवं 40 प्रतिशत सामग्री के रूप में प्रदान की जाएगी। किसान क्रेडिट कार्ड धारक किसानों को अल्पकालीन नकद एवं वस्तु ऋण की अधिकतम सीमाएं भी तय की गई हैं। किसान क्रेडिट कार्ड पर अधिकतम ऋण पांच लाख रूपए तय की गई है। इसमें नकद राशि तीन लाख रूपए एवं वस्तु के लिए दो लाख रूपए निर्धारित की गई है। किसानों को दिए जाने वाले ऋण चुकाने की क्षमता फसलों के कुल उत्पादन मूल्य का 50 प्रतिशत तक माना गया है इसके अंतर्गत 70 प्रतिशत राशि अल्पकालीन ऋण के लिए एवं 30 प्रतिशत मध्यकालीन ऋण केे लिए अदायगी क्षमता माना जाएगा। किसान द्वारा ऋण अदायगी क्षमता के अंतर्गत अल्पकालीन एवं मध्यकालीन ऋण लिया जा सकता है।
श्री जोशी ने बताया कि खरीफ वर्ष 2021-22 के अन्तर्गत सिंचित धान फसलों के लिए कुल 19 हजार 800 रूपए प्रति एकड़ ऋण किसानों के लिए तय किया गया है। इसी प्रकार धान असिंचित के लिए 14 हजार 400 रूपए प्रति एकड़, अरहर एवं तुअर के लिए 11 हजार रूपए प्रति एकड़, मूंगफली के लिए 13 हजार 200 रूपए कोदो-कुटकी के लिए तीन हजार रूपए, सोयाबीन के लिए 13 हजार 200 रूपए प्रति एकड़ ऋण निर्धारित की गई है। रबी फसलों के लिए गेहूं सिंचित के लिए आठ हजार रूपए गेहूं असिंचित के लिए छह हजार रूपए, धान ग्रीष्म कालीन के लिए 19 हजार 200, चना के लिए आठ हजार रूपए प्रति एकड़ ऋण निर्धारित की गई है। फलदार फसलों में काजू के लिए 16 हजार रूपए, कटहल के लिए 12 हजार रूपए, केला के लिए 60 हजार रूपए, आंवला के लिए 14 हजार 560 रूपए प्रति एकड़ ऋण निर्धारित की गई है। इसी प्रकार साग-सब्जी, मसाला, फूल तथा लाख उत्पादन के लिए ऋणदान का निर्धारण किया गया है। किसानों को फसल उत्पादन में आर्थिक सहयोग के लिए दिए जाने वाले ऋण में आम, अमरूद, संतरा, बेर आदि उद्यानिकी फसलों के लिए नकद एवं वस्तु के रूप में ऋण दिया जाएगा। छोटे किसानों को साग-सब्जी के लिए ऋण प्रदान किया जाएगा तथा किसानों को लोन उनकी ऋण अदायिगी क्षमता के आधार पर दिया जाएगा।