पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से केंद्र व राज्य सरकारें सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पाद पर प्रतिबंध लगा रही हैं तथा इन उत्पादों के विकल्प के रूप में पेपर ग्लास, नोन वूवन बैग, कपड़ों के बैग का चलन समाज में बढ़ रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण टीआईटी कॉम्पलेक्स मुरैना में मिलता है। जहां अब प्लास्टिक से तौबा कर 200 से 250 एम.एल. तक के पानी पीने के पेपर ग्लास तैयार हो रहे है।
शादी समारोहों में प्लास्टिक ग्लास और कटोरी का बहुतायत से उपयोग होता है, जिससे पर्यावरण प्रदूषण के साथ साथ उसके अनेक दुष्प्रभाव देखे जाते हैं, प्लास्टिक ग्लास के विकल्प के रूप में मुरैना नगर में 55, 65, 85, 90, 200 तथा 250 एम. एल. के पेपर ग्लास का उत्पादन प्रारंभ हो चुका है। फलत: चाय से लेकर जूस ग्लास तक सिंगल यूज प्लास्टिक ग्लास के उपयोग के स्थान पर आम नागरिक पेपर ग्लास की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
उल्लेखनीय हैं कि इस यूनिट की स्थापना संध्या राठौर पत्नी शैलेन्द्र राठौर ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना (पी.एम.ई.जी.पी.) के तहत व्यवसाय स्थापित करने हेतु कराई है, उन्हें पूरा विश्वास है कि इस इकाई के उत्पादों से शादी समारोहों में सिंगल यूज प्लास्टिक उपयोग के स्थान पर लोग पेपर ग्लास का ही प्रयोग करेंगे, इन पेपर उत्पादों का मूल्य भी मिट्टी के कुल्लड़ व सरैया आदि से एक चौथाई रहता है अत: लोगों का खर्च भी कम होगा। यह पर्यावरण को किसी प्रकार से दूषित नहीं होने देता है और व्यक्ति को शादी समारोह में बहुत कम कीमत पर खर्च होता है। इससे धन की तो बचत होती है साथ ही पर्यावरण को बचाने में पेपर ग्लास कारगर सिद्ध हो रहे है।