सब्जियों की बात हो और मुनगा छूट जाए, ऐसा तो हो नहीं सकता। मुनगा में मौजूद पौष्टिक तत्वों की उपस्थिति को कृषि वैज्ञानिक और डॉक्टर भी अपनी सहमति जता चुके हैं। इसलिए मुनगा की खेती को प्रोत्साहित करने काफी प्रयास भी किए जा रहे हैं।
वहीं मुनगा की खेती के लिए आपको कोई खास प्रयास की जरूरत नहीं पड़ती है। इसे आप आसानी से अन्य फसलों के साथ ही लगा सकते हैं। कम लागत में ज्यादा मुनाफा देने वाले इस फसल की ओर अब किसान भी आकर्षित हो रहे हैं। कहा जाता है कि एक एकड़ में यदि मुनगा की खेती की जाए तो सालभर में ये आपको लाखों दिला सकता है। मुनगा को सहजन भी कहा जाता है तो इसका अंग्रेजी नाम ड्रमस्टिक भी कहा जाता है। यह गर्म इलाकों में आसानी से फल-फूल जाता है। लेकिन ठंडे इलाके में इसकी खेती देखकर करनी होती है। क्योंकि इसके फूल के लिए कम से कम 25 से 30 डिग्री तापमान की जरूरत होती है। यह सूखी बलुई या चिकनी बलुई मिट्टी में अच्छी तरह बढ़ता है। पहले साल के बाद साल में दो बार उत्पादन होता है और आमतौर पर एक पेड़ 10 साल तक अच्छा उत्पादन करता है।
मुनगा की खेती का एक फायदा और भी है। इसकी खेती के लिए पानी की बहुत कम जरूरत होती है और एक बार पेड़ बड़ा हो जाए तो रखरखाव भी कम करना पड़ता है। इसके साथ ही आपको बता दें कि मुनगा की खेती में आम के आम और गुठलियों के दाम वाली बात चरितार्थ होती है। क्योंकि इसका हर हिस्सा खाने लायक होता है। फूल और पत्तियां तक खाने के काम आती हैं। इसमें औषधीय गुण भी होते हैं। इसके बीज से तेल भी निकलता है।