पशुओं को मिलेगी नई पहचान...यहां शुरू हुई ये खास पहल
पशुओं को मिलेगी नई पहचान...यहां शुरू हुई ये खास पहल

किसान भाईयों ने लिए उनके पशु ही हाथ-पैर की तरह होते हैं। जो उनके साथ-साथ मेहनत  और पसीना बहाकर उनके खेतों को लहलहाते हैं। लेकिन यही पशु अगर खो जाए तो किसानों का टेंशन बढऩा लाजिमी है। लेकिन अब इसी टेंशन को दूर करने सरकार ने पहल शुरू कर दी है। इसके तहत अब पशुओं को यूनिक आईडी पहचान मिलेगी। और पहल शुरू किया गया है मेरठ जिले में। तो इस जिले के जितने भी पशु पालक हैं, सभी के पशुओं को यूनिक आईडी प्रदान किया जाएगा। इसी बीच यदि किसानों के पशु कहीं खो जाते हैं, तो उन्हें यूनिक आईडी के सहारे जल्द ही ढंूढ निकाला जाएगा।

खबरों में कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत मेरठ जिले में गाय और भैंसों की टैगिंग का काम शुरू हो गया है। इसके तहत पशुओं के कान के पास एक यूनिक नंबर का टैग लगाया जा रहा है। इससे उनकी पहचान हो सकेगी। अभी तक जिले में 75 हजार से ज्यादा पशुओं की टैगिंग का काम हो चुका है। वहीं बताया जा रहा है कि टैगिंग के बाद ही पशुपालकों को आगे आने वाली योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। ऐसे में पशुओं की टैगिंग कराना जरूरी है।

वहीं, केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीयकृत करते हुए इनाफ पोर्टल लांच किया गया है। इसमें पशुओं के टैग नंबर के साथ पशुपालकों के नाम, घर का पता डाला जा रहा है। इसके माध्यम से देश के किसी भी हिस्से में पशुओं के पहुंचने पर उसके मालिक की पहचान की जा सके। अभी तक जिले में 75585 गाय और भैंस की टैगिंग की जा चुकी है। गायों को 44319 और भैंसों को 31266 टैग लगाए जा चुके हैं। इनाफ पोर्टल पर 20741 पशुओं का डाटा अपलोड हो चुका है।    

वैसे पशुओं को लेकर इस तरह की योजनाओं काफी अच्छी है। इससे किसानों के पालतू पशुओं के साथ-साथ रोड पर घूम रहे पशुओं की पहचान भी हो जाएगी। और समय रहते दोनों ही तरह  पशुओं को सरकार की ओर से सुरक्षा मुहैया हो सकेगी। अभी तक इस तरह कोई योजना नहीं आने से किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, तब जब उनके पशु कहीं चले जाएं या खो जाएं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।