मंदसौर जिले के डिगाव माली के रहने वाले किसान कन्हैया लाल आंजना ने तीन बीघे की जमीन पर पपीते के पौधे लगाकर लाभ का धंधा बनाया और स्वयं आत्मनिर्भर बने। अब वह दूसरों को दे रहे हैं रोजगार। श्री अंजना बताते हैं कि 3 बीघा जमीन पर लगभग 15 सौ पौधे पपीते के लगाए गए। पपीते के पौधे लगाने में लगभग 2 लाख का खर्च आया। पपीते को जंगली जानवरों से बचाने के लिए चारों तरफ तार फेंसिंग की और सिंचाई के लिए ड्रिप लगाई गई जिससे पौधों को पर्याप्त पानी मिल सकेद्य
आंजना ने पपीता को आय का स्त्रोत बनाया और स्वयं आत्मनिर्भर बने द्य अब वह किसानों को पपीते की खेती करने के लिए जागरूक कर रहे हैं द्य श्री आंजना ने बताया कि सोयाबीन फसल और गेहूं की फसल से ज्यादा लाभ पपीते की फसल में मिला है। सिर्फ एक बार लगाने से मेहनत लगती हैं इसके बाद पूरे साल भर फल आते हैं और बाजार में अच्छे दाम पर पपीता बिक रहा है। पपीता के फल से उन्हें अच्छी आय प्राप्त हो रही हैं। अब दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं।