धान के साथ-साथ मूंग खेत कर दोगुना लाभ कमाया इस किसान ने
धान के साथ-साथ मूंग खेत कर दोगुना लाभ कमाया इस किसान ने

भोपालपटनम ब्लॉक अंतर्गत धुर नक्सली प्रभावित ग्राम चन्दूर निवासी किसान सत्यम पिरला आधुनिक तरीके से खेती-किसानी कर घर-परिवार को खुशहाली की ओर अग्रसर कर चुके हैं। इस दूरस्थ ईलाके में खेती किसानी की नवीन तकनीक को अपनाकर सत्यम अपने क्षेत्र के अन्य किसानों के लिए पे्ररणास्त्रोत बन गये हैं। सत्यम बताते हंै कि वे खरीफ सीजन में अपने 4 एकड़ कृषि भूमि में 3 एकड़ रकबा में एचएमटी तथा एक एकड़ में 1010 प्रजाति का धान श्रीविधि पध्दति से रोपित करते हैं। वहीं 2 एकड़ मरहान भूमि में मंूग की नवीन तकनीक से खेती करते हैं। इस अच्छी पैदावार के जरिये बेहतर उत्पादन प्राप्त होता है। सत्यम ने बताया कि गत वर्ष करीब 56 क्विंटल धान का उत्पादन मिला था, जिसमें से 30 क्विंटल धान समर्थन मूल्य पर विक्रय किया। धान विक्रय करने के दौरान 1815 रुपए प्रति क्विंटल की दर से 54 हजार 450 रुपए का भुगतान सीधे बैंक खाते में किया गया। वहीं 2500 रुपए समर्थन मूल्य पर शेष अंतर की राशि राजीव गांधी किसान न्याय योजनान्तर्गत अभी तक तीन किश्तों में 15 हजार 413 रुपए का भुगतान किया गया है। अभी एक किश्त फिर से मिलना शेष है। राज्य शासन द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजनान्तर्गत किसानों को 2500 रुपए समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के तहत शेष अंतर की राशि ऐन खेती-किसानी कार्य के समय प्रदान करने के फलस्वरुप यह योजना किसानों के लिए वरदान साबित हई। सत्यम बताते हैं कि उन्होनें उक्त योजना की राशि से घर-परिवार की जरुरुतों को पूरा किया। वहीं थोड़ी राशि मजदूरी भुगतान के लिए उपयोग किया। सत्यम पिरला ने गत वर्ष 2 एकड़ में मूंग की उन्नत विधि से फसल लेकर 7 क्विंटल मूंग का उत्पादन किया। उन्नत कृषि से मूंग की फसल लेने के लिए कृषि विभाग द्वारा आत्मा योजनान्तर्गत सहायता देने सहित कृषि परामर्श दी गयी। जिससे अच्छा उत्पादन प्राप्त कर 7 क्विंटल मंूग में से 5 क्विंटल मूंग 6200 रुपए प्रति क्विंटल की दर से विक्रय किया। सत्यम ने अपनी इस सफलता से प्रभावित होकर इस साल 3 एकड़ रकबा में मूंग की उन्नत विधि से फसल लिया है। सत्यम बताते हैं कि इस वर्ष धान की अच्छी फसल होने फलस्वरुप 25 से 30 क्विंटल धान समर्थन मूल्य पर विक्रय करेंगे। उप संचालक कृषि श्री पीएस कुसरे ने बताया कि सत्यम की खेती-किसानी के लिए कड़ी मेहनत और लगन को देखकर कृषि विभाग द्वारा इस वर्ष खाद बनाने नाडेप टैंक निर्माण तथा डीजल पंप हेतु सहायता दी गयी है। सत्यम अपनी खेती-किसानी के पेशे से खुश हैं और 6 सदस्यीय परिवार का आसानी से भरण-पोषण कर रहे हैं। वहीं 4 बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान दे रहे हैं। सत्यम ने बताया कि जीवन में शिक्षा का अलग महत्व है जिससे घर-परिवार में उजियारा होती है। इसे ध्यान देकर वे अपनी बड़ी बेटी मनेशा पिरला को जनरल नर्सिंग की पढ़ाई दंतेवाड़ा में करवा रहे हैं। वहीं मंझला बेटा मनोज 12वीं की पढ़ाई दंतेवाड़ा में कर रहा है। छोटा बेटा समीर 10वीं की पढ़ाई भोपालपटनम में कर रहा है और सबसे छोटी बेटी शिवानी बीजापुर में 5वीं पढ़ रही है। सत्यम बताते हैं कि इन बच्चों के भविष्य को देखते हुए अब वे स्वंय खेती पर ज्यादा ध्यान देकर पत्नी सालक्का के साथ इस दिशा कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होनें इस वर्ष भी राज्य सरकार द्वारा 2500 रुपए समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन करने के निर्णय को किसानों के हितों में सकारात्मक पहल निरुपित कर राज्य सरकार के प्रति कृतज्ञता प्रकट किया।