बस्तर जिले के अन्तर्गत अधिकांश क्षेत्र वर्षा आधारित होने के कारण जिले के किसानों द्वारा धान फसल की खेती प्रमुखता से की जाती है, एक ही फसल के उत्पादन से जमीन की उर्वरक तत्व की कमी भी देखी जा रही है। कृषक तकनीकी ज्ञान के अभाव होने से दलहनी फसलों की खेती से दूरी बनाते है, कृषि विभाग द्वारा किसानों प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन के माध्यम से प्रोत्साहित कर जिले में दलहनी फसलों के वृद्धि हेतु प्रयास किये जा रहे है, विभागीय आकड़ों के अनुसार जिले में दलहन का क्षेत्र वर्ष 2015-16 में 2 हजार 674 हेक्टेयर था, जो कि वर्ष 2019-20 में बढकर 7 हजार 199 हेक्टेयर हो गया है। वर्ष 2020-21 हेतु विभाग द्वारा दलहन के क्षेत्र में वृद्धि करते हुए 8350 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित है।
जिले में दलहन फसलों में मुख्य रूप से चना, उड़द एवं मूंग की खेती प्रमुखता से किया जाने लगा है। विकासखण्ड बकावण्ड के ग्राम कोलावल के कृषक श्री विष्णु भारती द्वारा कृषि विभाग संचालित आत्मा योजनान्तर्गत राज्य के बाहर शैक्षणिक भ्रमण एवं जिले में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों में तकनीकी ज्ञान प्राप्त कर एवं विभागीय अमलों से समन्वय स्थापित कर पारम्परिक धान के साथ-साथ दलहनी फसलों की खेती 1.85 हेक्टर सिंचित क्षेत्र में प्रारंभ करते लाभार्जन किया। कृषक द्वारा वर्ष 2016 में कृषि विभाग द्वारा संचालित किसान समृद्धि योजना से नलकूप खनन एवं सौर सुजला योजना से सिंचाई पंप स्थापित कर अनुदान प्राप्त करते द्विफसलीय में विस्तार दलहनी फसल के माध्यम से प्रारंभ किया गया।
कृषक विष्णु द्वारा वर्ष 2018-19 में 1.86 हेक्टेयर क्षेत्र में धान एवं 2.75 हे. क्षेत्र में मक्का का उत्पादन करते हुए 60 हजार 290 रुपए लाभ अर्जित किया गया और 0.84 हे. क्षेत्र में उड़द उत्पादन करते हुए 40 हजार से अधिक राशि का लाभार्जन किया। वर्ष 2019-20 में उसी क्षेत्र से धान 39 क्विंटल एवं मक्का 42 क्विंटल प्रति हे. उत्पादन से एक लाख 20 हजार 500 लाभार्जन एवं उड़द 0.84 हेक्टेयर से 12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन प्राप्त कर 57 हजार रुपए का लाभ अर्जित किया गया है। कृषक विष्णु द्वारा तकनीकी विधि यथा राइजोबियम, रोगनाशी द्वारा बीजोपचार, कतार बोनी, उर्वरक प्रबंधन कीटब्याधि प्रबंधन एवं सूक्ष्म तत्वों का प्रयोग प्रमुखता से किया गया। उक्त कार्यों को दृष्टिगत रखते हुए वर्ष 2017-18 में आत्मा योजनान्तर्गत दलहन उत्पादन हेतु विष्णु भारती को उत्कृष्ट विकासखण्ड स्तरीय कृषक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। जिससे ग्राम के अन्य कृषक प्रेरित होकर बेहतर प्रदर्शन हेतु प्रयासरत् है।