ड्रिप सिंचाई
ड्रिप सिंचाई

ड्रिप सिंचाई के इस्तेमाल से कृषक नितिन तेकाम की आमदनी दोगुनी हो गई है। कम लागत् में अधिक लाभ लेकर नितिन काफी उत्साहित है। नितिन तकनीक का उपयोग कर अपने कृषि कार्य को और अधिक बढ़ाना चाहते हैं। पौंड़ी निवासी नितिन तेकाम के पास कुल भूमि 5.560 हेक्ट. कृषि भूमि है जिसमें उन्हें 20 क्विं. मिर्च उत्पादन से लगभग 40 हजार रूपए की आमदनी हुई। इसी प्रकार 65 क्विं. बैगन उत्पादन से लगभग 97 हजार 500 रूपए की एवं 60 क्विं. टमाटर उत्पादन से लगभग 1 लाख 80 हजार रूपए की आमदनी होती है। नितिन बताते हैं कि मैं पूर्व के वर्षो में कृषि फसलें धान, गेहूं इत्यादि का उत्पादन परंपरागत सिंचाई पद्धति से खेती करता था जिससे वार्षिक रूप से औसतन कुल रकबे से लगभग 2 लाख 10 हजार रूपए की आय होती थी। इसके बाद उसने नवीन तकनीक ड्रिप सिंचाई सयंत्र की स्थापना विभागीय प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत वर्ष 2020-21 में अनुदान सहायता प्राप्त कर परंपरागत सिंचाई में बदलाव कर ड्रिप का इस्तेमाल करते हुए अच्छा उत्पादन प्राप्त किया, जिससे उसे उद्यानिकी फसल मिर्च, टमाटर एवं बैगन की खेती से ही 3 लाख 17 हजार रूपए की अतिरिक्त आय प्राप्त हुई जिससे कृषक की आर्थिक स्थिति में बदलाव आया है।

क्या है ड्रिप सिंचाई

ड्रिप सिंचाई प्रणाली फसल को उनकी लंबाईयों के अंतराल के साथ पानी वितरित करती है। इस पद्धति से सिंचाई करने से एक समान निर्धारित मात्रा, सीधे पौधे की जड़ों में आपूर्ति करता है। इससे पौधे में पानी की कमी नहीं होगी, इस प्रकार गुणवत्ता, उसके इष्टतम विकास की क्षमता तथा उच्च पैदावार को बढ़ाता है। ड्रिप सिंचाई आज की जरूरत है।
लाभ
1. पैदावार में वृद्धि
2. 70 प्रतिशत तक पानी की बचत।
3. फसलों की लगातार बढ़ोतरी।
4. तेजी से निवेश की वापसी।
5. श्रम मूल्यों में कमी।
6. पहाड़ी भूमि भी उपजाऊ खेती के अधीन हो सकती है।

Read More