मिनी राईस मिल के माध्यम से धान से चावल तैयार कर अम्बागढ़ चौकी विकासखंड के ग्राम तिरपेमेटा, दुआलगुडरा, लाताकोड़ो, जरहाटोला, पेंडलकुही, मक्के, कुसुमकसा, साल्हेकुसुमकसा में कृषक समूह जैविक धान को पौष्टिक चावल में बदलकर विक्रय कर समूह को आर्थिक रूप से सशक्त बना रहे हैं और कृषि उद्यमिता को बढ़ावा दे रहे हैं। शासन की परंपरागत कृषि योजना से किसानों के जीवन में बदलाव आया है। आने वाले वर्षों में कृषकों का वृहद समूह निर्माण कर कृषक उत्पादक संगठन का निर्माण करने का कार्य भी किया जाएगा। लगातार बढ़ रहे कृषि लागत तथा रसायनों से बंजर होती जा रही कृषि भूमि से चिंतित किसानों को मृदा स्वास्थ्य के साथ ही कम लागत में खेती करने तथा वर्तमान जैविक उत्पाद की बाजार में मांग के कारण परम्परागत कृषि विकास योजना ने किसानों को जैविक खेती की ओर अग्रसर होने के लिए एक नई दिशा दी है। योजना के माध्यम से कृषकों को प्रारंभिक तौर पर जैविक खेती प्रारंभ करने के लिए समस्त आवश्यक जैविक आदान जैसे- जैविक बीज, रसायनों के विकल्प के रूप में जैविक उत्पाद तथा कम्पोस्ट खाद निर्माण हेतु पक्का कम्पोस्ट टांका पर अनुदान व वर्मी बेड प्रदाय किया गया है।
कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा के मार्गदर्शन में किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करने की दिशा में कृषि विभाग द्वारा किया जा रहा है। उप संचालक कृषि श्री जीएस धु्रर्वे ने बताया कि अम्बागढ़ चौकी विकासखंड में 1000 हेक्टेयर रकबा में चिन्हांकित ग्रामों में कृषि उद्यमिता प्रोत्साहन के लिए मिनी राईस मिल के माध्यम से किसानों द्वारा जैविक चावल का निर्माण किया जा रहा है। कृषि विभाग द्वारा जिला राजनांदगांव के विकासखंड चौकी को 5 वर्षों में पूर्ण जैविक विकासखंड बनाने के लिए 1000 हेक्टेयर क्षेत्र में जैविक खेती से फसल उत्पादन तथा तैयार उत्पाद को प्रमाणीकरण कर स्थानीय स्तर पर विक्रय के लिए कृषक समूह का गठन किया है। इन समूहों को तैयार धान के उत्पाद को चावल तथा आटे में परिवर्तित कर उपभोक्ताओं तक उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।