राजीव गांधी किसान न्याय योजना से प्रोत्साहित होकर लघु धान्य फसल कोदो,कुटकी और रागी की फसल लेने वाले कबीरधाम जिले के प्रत्येक किसानों का पंजीयन कराने के लिए सख्त निर्देश दिए है। उन्होने कहा कि लघु धान्य उत्पादक जिले के प्रत्येक किसानों का राजीव गांधी न्याय योजना का लाभ मिलना चाहिए, ताकि इससे प्रेरित होकर आने वाले वर्षो में जिले के पडत भूमि में अथवा कम वर्षा वाले क्षेत्रों में लघु धान्य फसल की बोनी कर सके।
कलेक्टर ने कृषि विभाग के अधिकारियों के सख्त निर्देश देते हुए कहा कि बोडला और पंडरिया विकासखण्ड में लधु धान्य फसल की बोनी करने वाले प्रत्येक किसानों का सर्वे कराकर उनका पंजीयन कराने में किसानों को विशेष सहयोग करें। उन्होने कहा कि जिले के कोई भी किसान राजीव गांधी किसान न्याय योजना से वंचित ना हो इसका विशेष ध्यान रखे। वनोपज समितियों के द्वारा खरीदी के समय भी इन किसानों को विशेष सहयोग करने के भी निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने बैठक में राजीव गांधी किसान न्याय योजना, धान के बदले अन्य फसल उत्पादन की योजना, सुगंधिक फसल, गन्ना प्रोत्साहन योजना, पीएम किसान सम्मान प्रोत्साहन योजना, पीएम फसल बीमा, सौर सुजला योजना, सहित अन्य काम काम की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
कलेक्टर श्री शर्मा ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि खरीफ फसल योजना के तहत खरीफ फसल वर्ष 2020 में जिले के 11 हजार 34 किसानों को 23 करोड़ 27 लाख रूपए का बीमा राशि भूगतान किया गया है। कलेक्टर ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तृटि सुधार करने के निर्देश दिए है।
बैठक में कृषि विभाग के उपसंचालक श्री एमडी डड़सेना ने बताया कि इस वर्ष जिले में धान के बदले अन्य फसल (सुगंधित धान, अन्य फोर्टिफाइड धान, कोदो, कुटकी, रागी, अरहर, गन्ना तथा दलहन तिलहन ) लेने वाले 7416 किसान है, जिसका कुल रकबा 2372.5 हेक्टयर है जिसे राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 10हजार रूपए एकड़ दी जाएगी। इसी तरह 29521 कृषक ऐसे है जिसकी रकबा 11659 हेक्टेयर है धान के अलावा अन्य फसल लगाये है, ऐसे किसानों को 9 हजार रूपए राशि दी जाएगी।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कोदो-कुटकी और रागी को लधु धान्य फसल के रूप में शामिल किया गया है। छत्तीसगढ़ में विलुप्त होती इन फसलों के पैदावार को बढाने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना में शामिल किया गया है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा वन विभाग के लघु वनोपज समितियों के माध्यम से वर्ष 2021-22 में में सभी लघु धान्य फसलों की समर्थन मुल्य पर खरीदी की जाएगी। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कोदो-कुटकी और रागी का समर्थन मूल्य तीन हजार रूपए प्रति किं्वटल निर्धारित की गई है। प्रति एकड़ तीन किं्वटल के दर से समितियों के माध्यम से खरीदी की जाएगी।
छग सरकार का बड़ा फैसला- धान के बदले अन्य फसलों की खेती पर मिलेगा 10 हजार इनपुट सब्सिडी
छत्तीसगढ़ सरकार ने आगामी खरीफ सीजन 2021-22 से धान वाले रकबे में धान के बदले अन्य चिन्हित खरीफ फसलों की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ के मान से 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी दिए जाने का निर्णय लिया है। इससे राज्य में धान के अलावा अन्य फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा। छत्तीसगढ़ सरकार ने खरीफ सीजन 2020-21 में धान तथा 2021-22 से धान के साथ ही खरीफ की सभी प्रमुख फसलों पर प्रतिवर्ष प्रति एकड़ 9000 रूपए इनपुट सब्सिडी देने फैसला लिया है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कोदो का समर्थन मूल्य 3 हजार रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। गौठानों में तैयार सुपर कम्पोस्ट खाद न्यूनतम मूल्य 6 रूपए प्रति किलो की दर से किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी।
वर्ष 2020-21 में जिन किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचा है, यदि वह धान के बदले कोदो-कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, अन्य फोर्टिफाइड धान की फसल लेते हैं अथवा वृक्षारोपण करते हैं तो उन्हें प्रति एकड़ 9 हजार रूपए के स्थान पर 10 हजार रूपए इनपुट सब्सिडी दी जाएगी। वृक्षारोपण करने वालों को तीन वर्षों तक अनुदान मिलेगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में बुधवार को यहां उनके निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में मंत्री परिषद उपसमिति के सदस्य कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत उपस्थित थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में राजीव गांधी किसान न्याय योजना का आगामी खरीफ सीजन 2021-22 से दायरा बढ़ाते हुए इसमें धान के साथ-साथ खरीफ की सभी प्रमुख फसलों मक्का, सोयाबीन, गन्ना, कोदो-कुटकी, अरहर के उत्पादकों को भी प्रतिवर्ष 9 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से इनपुट सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीफ सीजन 2020-21 में धान के रकबे वाले खेतों में यदि किसानों द्वारा आगामी खरीफ सीजन 2021-22 से अन्य चिन्हित फसलों की खेती की जाती है, तो उन्हें 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी प्रति एकड़ के मान से दी जाएगी। खेतों में पेड़ लगाने वाले किसानों को आगामी तीन वर्ष तक प्रतिवर्ष 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी दी जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कृषि विभाग को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत धान के बजाए अन्य फसलों की खेती पर प्रति एकड़ के मान से किसानों को दी जाने वाली 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी, गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट के साथ-साथ अब सुपर कम्पोस्ट खाद के उत्पादन एवं इसके विक्रय मूल्य एवं लाभ का व्यापक प्रचार-प्रसार करने को कहा ताकि राज्य के ज्यादा से ज्यादा किसान इसका फायदा उठा सकें।