किसानों के पुराने जूट बारदानों का उपयोग होगा धान
किसानों के पुराने जूट बारदानों का उपयोग होगा धान

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रदेश में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में धान खरीदी के लिए बारदाने की कमी को देखते हुए समितियों द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले पुराने जूट बारदानों के उपयोग की भी अनुमति दी गई है। समितियों से प्राप्त पुराने जूट के बारदानों में धान खरीदी करने के संबंध में आज 24 दिसम्बर को मंत्रालय महानदी भवन से खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है।

राज्य में धान खरीदी के लिए नए जूट बारदानों, पीटीएस बारदानों, मिलरों द्वारा उपलब्ध कराए गए पुराने बारदानों एवं किसानों के बारदानों के अतिरिक्त अब समितियों द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले पुराने जूट बारदानों के उपयोग किया जाएगा। समितियों द्वारा उपलब्ध कराए गए पुराने जूट बारदानों के लिए उपयोगिता शुल्क 7.32 रूपए प्रति नग निर्धारित किया गया है। यह निर्धारण भारत सरकार द्वारा पुराने बारदानों के उपयोग के संबंध में समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के अधीन की गई है।

गौरतलब है कि राज्य शासन द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में भारत सरकार द्वारा जूट कमिश्नर के माध्यम से आपूर्ति किए जाने वाले नए बारदाने की कमी एवं उसकी प्रतिपूर्ति के लिए राज्य शासन द्वारा क्रय किए जा रहे एचडीपीई, पीपी बारदानों की आपूर्ति के बाद भी धान उपार्जन में बारदानों की संभावित कमी की पूर्ति के लिए समितियों द्वारा उपलब्ध कराए गए पुराने बारदानों के उपयोग की अनुमति दी गई है। राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार से छत्तीसगढ़ में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में किसानों से धान खरीदी के लिए 3 लाख 50 हजार गठान बारदानें उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है। भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को आपूर्ति की जाने वाली बारदानें में 50 प्रतिशत की कटौती करते हुए केवल एक लाख 43 हजार गठान नये बारदानें की आपूर्ति करने की सूचना जूट कमिश्नर के माध्यम से दी गई है। भारत सरकार द्वारा बारदानों की आपूर्ति में भारी कटौती करने के कारण राज्य में धान खरीदी प्रभावित न हो इसके लिए राज्य सरकार द्वारा 70 हजार एचडीपीई, पीपी के नये बारदानों की खरीदी की गई है।