मझौले युवा कृषक महादेव ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि एक दिन कोरोना के रूप में प्राकृतिक विपदा का संकट आ जाने पर सरकारी अनुदानी संसाधन उसके परिवार के लिए रक्षा कवच बन जाएंगे और रोजगार की लगभग सभी गतिविधियां बंद हो जाने के बावजूद भी उसकी आजीविका मजे में चलती रहेगी। कोरोना संकट काल में लागू लॉकडाउन में महादेव टमाटर के उत्पादन के माध्यम से खुद के परिवार के साथ खेत में काम करने वाले मजदूरों के परिवार की भी जीविका चला रहे हैं। वह टमाटर की बिक्री से 10 हजार रुपए रोज कमा रहे हैं, जिससे इन विषम हालात में भी उनका परिवार मुस्कुरा रहा है।
अनूपपुर जिले के पहरीचूआ गांव में रहने वाले 34 वर्षीय युवा कृषक महादेव केवट पहले रोजी-रोटी के लिए ग्राम पंचायत में मेट का काम किया करते थे और समृद्धशाली जीवन जीने के सिर्फ सपने ही देखा करते थे। लेकिन आज हाईब्रीड टमाटर की बदौलत हर सीजन में मोटी रकम कमा रहे हैं। कल तक ग्राम पंचायत की चाकरी करने वाले महादेव आज अपने खेत में दूसरों को मजदूरी दे रहे हैं। यह कमाल किया है राज्य सरकार के उद्यानिकी विभाग द्वारा अनुदान पर उपलब्ध कराए गए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत ड्रिप सिंचाई सिस्टम, संरक्षित खेती योजना के अंतर्गत मल्चिंग शीट, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत प्लास्टिक कैरेट तथा उद्यानिकी में यंत्रीकरण को बढ़ावा देने योजना अंतर्गत पावर स्प्रे पंप एवं तकनीकी मार्गदर्शन ने। इस योजना ने महादेव की किस्मत पलट दी। टमाटर से हुई कमाई से उन्होंने मोटरसाइकिल खरीद ली और आलीशान मकान बनवा लिया। अपनी कमाई से अपनी बहन की शादी भी कर दी।
वाकई टमाटर ने महादेव की जिंदगी बदल दी। महादेव ने जब पहली बार टमाटर की फसल ली, तो मानो चमत्कार हो गया। आज वे अपने ढाई एकड़ खेत में टमाटर की जबरदस्त पैदावार ले रहे हैं और डेढ़ लाख रुपए से ज्यादा का शुद्ध मुनाफा कमा रहे हैं। वे मोबाइल से मंडी के भाव पता करते हैं। वह अपने खेत में 10 लोगों को काम भी दे रहे हैं और यह संख्या बढ़ती भी रहती है।
टमाटर की खेती ने गत वर्ष कोरोना संकट काल में लॉकडाउन के दौरान महादेव को आजीविका के लिए परेशान नहीं होने दिया। उनके टमाटर खूब बिके और उनके घर का खर्च भी मजे में चलता रहा। वर्तमान समय में भी कोरोना संक्रमण की वजह से लगे लॉकडाउन में उनके घर का खर्च अच्छी तरह चल रहा है। अप्रत्याषित रूप से महादेव के टमाटर का व्यापार बढ़ा है। टमाटर की फसल को खेत में वर्ष भर लिया जा सकता है। अनूपपुर जिले के कोतमा, बिजुरी, राजनगर एवं छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ के व्यापारी खेत से ही टमाटर ले जाते हैं। इससे लाखों रुपए की आमदनी हो जाती हैं। वह चाहे सामान्य दौर हो या विपत्ति का समय हो, हर दौर में महादेव अपनी कमाई को लेकर हमेशा खुश दिखाई दिए। वह कहते हैं, श्श्आज हमारा टमाटर का उत्पादन फलते फूलते कारोबार में तब्दील हो गया है। हमारी जीवनशैली में बदलाव का टमाटर उत्पादन से काफी असर पड़ा है। लॉकडाउन में भी हमारी कमाई पर कोई फर्क नहीं पड़ा।श्श् सहायक संचालक उद्यानिकी श्री व्ही.डी नायर कहते हैं कि आजकल सब्जियों खासकर टमाटर की मांग अधिक है। सरकार भी इस दिशा में किसानों को प्रोत्साहित करती है। ड्रिप इरिगेशन पद्धति यहां टमाटर उत्पादन के लिए काफी असरकारक है।
ग्राम पंचायत में मेट का काम करने वाले महादेव आज कर रहे टमाटर की खेती
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