उद्यानिकी गतिविधियों के अंतर्गत फलदार पौधों में ऋतु आधारित की जाने वाली टॉप वर्किंग, बर्डिंग, ग्राफ्टिंग हैं। इन विधियों के माध्यम से देसी फलदार पौधों को उच्च गुणवत्तापूर्ण उन्नत प्रजाति के पौधों में परिवर्तित किया जाता है जिसके फलस्वरूप उच्च गुणवत्ता युक्त फलों का प्रचुर मात्रा में उत्पादन भी प्राप्त किया जा सकता है। विकासखंड मंडला अंतर्गत चयनित क्षेत्रों में प्रमुख रूप से देशी आम एवं बेर के पौधों को उन्नत प्रजाति के पौधों में परिवर्तित कर प्रक्षेत्रों में तैयार किए गए हैं। इस पद्धति से अनेक कृषक लाभान्वित हो चुके हैं। उद्यान अधीक्षक चंद्रगुप्त नामदेव ने बताया कि देशी आम के पौधों में माह जुलाई से अगस्त तक ग्राफ्टिंग (कलमीकरण) की जाती है। इसी तरह देशी बेर के पौधों में माह फरवरी में टॉप वर्किंग कर माह अप्रैल से मई में तैयार नवीन शाखाओं में बर्डिंग की जाती है। फलस्वरूप आम में 2 से 3 वर्ष एवं बेर में 8 से 9 माह में ही उन्नत प्रजाति के फल प्राप्त किए जा सकते हैं। वर्तमान वर्षा ऋतु मौसम में आम ग्राफ्टिंग हेतु अनुकूल समय प्रारंभ हो चुका है।
जिले के प्रगतिशील किसान भी उद्यानिकी विभाग की इन गतिविधियों का लाभ ले रहे हैं। ग्राम लावर, तहसील निवास के अंतर्गत धर्मराज परिहार ने भी आम की बडिंग एवं क्राफ्टिंग का कार्य कराया है और वे अब उन्नत प्रजाति के फल प्राप्त कर रहे हैं। इसी प्रकार ग्राम घुघरा के शशिकांत मिश्रा तथा ग्राम रामबाग के नीलकण्ठ कछवाहा ने भी आम के पेड़ों में बडिंग एवं क्राफ्टिंग कराई है। उद्यानिकी विभाग ने बताया कि उक्त विधियों के माध्यम से सभी किसान वर्तमान में उन्नत फसल प्राप्त कर रहे हैं।