कृषि क्षेत्र में आ रहे बदलावों में आज का समय उन्नत खेती का है। कम लागत और कम परिश्रम से अधिक मुनाफा देने वाली फसलों की ओर सिवनी जिले के किसान अग्रसर हो रहे हैं। सिवनी जिले में उद्यानिकी की विभिन्न फसलों जैसे सब्जी, मसाला आदि के अलावा जिले के छपारा विकासखण्ड के पहाडी क्लस्टर के किसान फूलों की खेती से भी अच्छी कमाई कर अच्छा लाभ कमा रहे हैं।
इसी क्लस्टर के ग्राम पहाडी के सफल किसान श्री छोटेलाल कुमरे द्वारा परंपरागत खेती से हटकर 03 एकड़ में गेंदे की खेती की जा रही है। किसान श्री छोटेलाल द्वारा जुलाई 2021 में 1.5 एकड़ में गेंदा किस्म ‘टेनिस बॉल’ एवं अन्य 1.5 एकड में खुद के तैयार किये हुए गेंदे के पौधों का रोपण किया गया जिसमें 3 महीने के पश्चात फूल आना शुरू हो गया।
कृषक श्री छोटेलाल ने बताया कि पहले उनके द्वारा गेंदे के लोकल किस्म की खेती की जाती थी, 5-6 वर्ष पहले उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों के सुझाव एवं तकनीकी मार्गदर्शन से प्रोत्साहित होकर उनके द्वारा 3 वर्षों से गेंदे की संकर किस्मों की खेती उच्च तकनीक अपनाकर की जा रही है। पौधों में 3 माह में फूल आना शुरू हो जाते हैं जो बाजार में नवरात्रि, दशहरा, दीपावली, ग्यारस आदि पर्व के साथ ही विभिन्न समारोह में भी हाथों-हाथ बिक जाते हैं।
इस वर्ष श्री छोटेलाल द्वारा 3 एकड़ में गेंदे की खेती करने में लगभग 80000 से 90000 रूपये तक का खर्च आया। जुलाई माह में की गई रोपाई से प्राप्त फूलों की पहली तुड़ाई श्रीकृष्ण जन्माष्टमी अवसर पर की गई, फूलों की तुडाई ग्यारस तक की गई, जिन्हे स्थानीय बाजार एवं जबलपुर मंडी में बेचा गया। 3 एकड़ से छोटेलाल को 120 से 150 क्विंटल फूलों का उत्पादन मिला जिसे स्थानीय बाजार में बेचने पर 10-20 रूपये प्रति किलोग्राम से लेकर 40-60 रूपये प्रति किलोग्राम की कीमत मिली।
इस तरह 3 एकड़ में गेंदे की खेती करने से श्री छोटे लाल को 290000 रुपए की आय प्राप्त हुई। परंपरागत खेती से हटकर फूलों की खेती करने से हुए लाभ से प्रोत्साहित होकर श्री छोटेलाल द्वारा आगामी वर्षों में गेंदे के अलावा अन्य फूलों की खेती कर फूलों का रकबा बढ़ाना चाहते हैं।
सहायक संचालक उद्यान डॉ. आशा उपवंशी-वासेवार द्वारा किसानों को समझाइश देते हुए बताया कि विभिन्न त्यौहारों एवं शादी के मौसम में फूलों की अच्छी मांग बनी रहती है, यदि छोटे किसान भी फूलों की खेती को अपनाएं एवं सही तकनीक, मार्गदर्शन एवं समय पर सही देखभाल करते हुए खेती करे तो उन्हें कई गुना अधिक लाभ मिल सकता है। फूलों की खेती का मुनाफा पर्वो-त्यौहारों और स्थानीय बाजारों की मांग पर निर्भर करता है।