जशपुर जिले में किसानों की आमदनी का मुख्य जरिया खेती बाड़ी है। दूरस्थ अंचल ग्रामीण क्षेत्रों में आदिवासी जनजाति निवास करते हैं और अपने खेतों में धान की पैदावार के साथ ही अतिरिक्त आमदनी के लिए बाड़ी में साग-सब्जी का उत्पादन करके भी अतिरिक्त आमदनी अर्जित कर रहे है। कृषि विभाग द्वारा किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं से लाभांवित तो किया ही जा रही है। साथ ही उनको आधुनिक तकनीकी खेती के बारे में भी बताया जा रहा है ताकि दूरस्थ अंचल में निवास करने वाले किसान आधुनिक तकनीकी की खेती करके कम लागत से अच्छी आमदनी अर्जित सके।
इसी कड़ी में कृषि विभाग द्वारा किसानों की मदद करने एवं खेती से उनकी आमदनी अधिक बढ़ाने के उद्देश्य से किसानों को जोड़कर बगीचा विकासखंड में पायलेट प्रोजेक्ट के तहत् खनिज न्यास निधि मद से 71 हैक्टेयर क्षेत्र में किसानों के द्वारा गन्ना की खेती की जा रही है। बगीचा किासखंड के ग्राम पतरापारा के किसान भाटासाय के खेत का रकबा 1.600 हेक्टेयर में गन्ने की फसल लगाई गई है। जुजगू के किसान अमृत राम के खेत में रकबा 1.000 हेक्टेयर में गन्ना की फसल लगाई गई है। साथ ही ग्राम गुडलू के कृषक लक्षण के खेत रकबा 0.800 हेक्टेयर में गन्ना की फसल लगाई गई है। कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार पहली बार नगदी फसल गन्ना को खनिज न्यास निधि मद से विकासखंड बगीचा में मॉडल के तौर पर कुल 71 हैक्टेयर पर पॉलीबैग गन्ना का उत्पादन किया जा रहा है। पॉलीबैग गन्ना प्रदर्शन जिला प्रशासन के सहयोग से स्वीकृत कर पौधा रोपण का कार्य किया गया है। जिससे फसल का उचित दाम किसानों को मिलेगा और कृषकों की आर्थिक स्थिति में सुधार के साथ उनके आय में बढ़ोतरी होगी।